News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी: धरसौना गांव का सामुदायिक शौचालय अनुपयोगी, खुले में शौच को मजबूर ग्रामीण

वाराणसी: धरसौना गांव का सामुदायिक शौचालय अनुपयोगी, खुले में शौच को मजबूर ग्रामीण

वाराणसी के धरसौना गांव में लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय देखरेख के अभाव में जर्जर हो गया है, ग्रामीण परेशान हैं।

वाराणसी के धरसौना गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपये की लागत से निर्मित सामुदायिक शौचालय अब जर्जर और अनुपयोगी स्थिति में पहुंच चुका है। इस शौचालय का निर्माण ग्रामीणों की सुविधा और खुले में शौच से मुक्ति के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन इसकी देखरेख न होने के कारण यह अब परेशानी का कारण बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह शौचालय अपने मूल उद्देश्य को पूरा करने में पूरी तरह असफल साबित हुआ है।

शौचालय परिसर में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते उपयोग के बाद सफाई असंभव हो जाती है। सफाईकर्मियों की नियमित अनुपस्थिति ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। अंदर और बाहर दोनों ओर गंदगी का ढेर लगा हुआ है। दीवारों पर गंदे निशान, टूटी टाइलें और बदबूदार माहौल ने इसे इस्तेमाल के लायक नहीं छोड़ा है। दरवाजों की जंग लगी कुंडियां और टूटे वॉश बेसिन इस सुविधा की दुर्दशा को साफ दिखाते हैं।

शौचालय के प्रवेश द्वार के बाहर मल-मूत्र और कचरा फैला हुआ है, जिससे पूरे क्षेत्र में असहनीय दुर्गंध फैलती रहती है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि स्थिति इतनी खराब है कि सुबह या शाम यहां से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। गांव के रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि शौचालय बनने से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह जगह परेशानी का कारण बन गई है। उन्होंने बताया कि इतनी बदबू आती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।

गांव की निवासी सुनीता देवी ने बताया कि पानी न होने के कारण शौचालय का उपयोग करना लगभग असंभव है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में यह सुविधा बड़ी उम्मीदों के साथ शुरू हुई थी, लेकिन अब इसका कोई उपयोग नहीं रह गया है। युवा ग्रामीण अमन सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद लोगों को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़े, तो यह प्रशासन की नाकामी को दिखाता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर शौचालय की नियमित सफाई और रखरखाव हो, तो यह सुविधा दोबारा उपयोग में लाई जा सकती है। लेकिन फिलहाल प्रशासनिक उपेक्षा और जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता ने इसे खंडहर में बदल दिया है। शौचालय की यह स्थिति न केवल स्वच्छ भारत मिशन की असल भावना पर सवाल उठाती है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य और स्वच्छता पर भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या के त्वरित समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक पानी की स्थायी व्यवस्था और नियमित सफाई नहीं होगी, तब तक यह सुविधा केवल एक दिखावा बनकर रह जाएगी। लोगों ने उम्मीद जताई है कि संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द संज्ञान लेकर शौचालय को फिर से उपयोगी स्थिति में लाएंगे, ताकि गांव में स्वच्छता की स्थिति में सुधार हो सके।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
Bluva Beverages Pvt. Ltd

LATEST NEWS