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वाराणसी में गंगा नहाते समय चार बच्चे डूबे, तीन को बचाया गया, एक अब भी लापताता

वाराणसी में गंगा नहाते समय चार बच्चे डूबे, तीन को बचाया गया, एक अब भी लापताता

वाराणसी के सूजाबाद में गंगा में नहाते समय चार दोस्त डूबे, बुजुर्ग नाविक ने तीन को बचाया पर एक लापता है; एनडीआरएफ तलाश में जुटी.

वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद इलाके में मंगलवार शाम बड़ा हादसा हो गया जब चार दोस्त गंगा नदी में नहाने उतरे और गहरे पानी में चले गए। घाट पर मौजूद बुजुर्ग नाविक नारायण माझी की सूझबूझ से तीन बच्चों की जान बच गई, लेकिन एक बच्चा अब भी लापता है। घटना के बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। परिजन बच्चे के सुरक्षित लौटने की प्रार्थना कर रहे हैं, वहीं एनडीआरएफ की टीम पिछले पंद्रह घंटे से गंगा में उसकी तलाश कर रही है।

जानकारी के अनुसार, सूजाबाद निवासी विजय गुप्ता का बेटा साहिल गुप्ता अपने घर से यह कहकर निकला था कि वह अपने दोस्त के घर पढ़ने जा रहा है। बाद में वह अपने तीन दोस्तों सुंदर, आयुष्मान और पवन के साथ गंगा घाट पहुंचा, जहां सभी नहाने लगे। इस दौरान चारों गहरे पानी की ओर चले गए और डूबने लगे। तभी घाट पर मौजूद बुजुर्ग नाविक नारायण माझी ने स्थिति देखकर तुरंत नाव से छलांग लगाई और तीन बच्चों को बाहर निकाल लिया। हालांकि साहिल गुप्ता को वह नहीं बचा सके।

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि शिवराज पटेल और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्काल नियंत्रण कक्ष को सूचना दी, जिसके बाद शाम छह बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। टीम देर रात तक पानी में खोजबीन करती रही लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। बुधवार सुबह से फिर से तलाशी अभियान जारी है।

नारायण माझी ने बताया कि शाम करीब चार बजे चारों बच्चे घाट पर नहा रहे थे। उन्होंने उन्हें कई बार मना किया कि यहां पानी बहुत गहरा है, लेकिन बच्चों ने बात नहीं मानी और बहस करने लगे। थोड़ी देर बाद दो बच्चे चिल्लाने लगे, तभी उन्होंने नाव से छलांग लगाकर उन्हें बचाने का प्रयास किया। तीन बच्चों को तो बाहर निकाल लिया गया लेकिन एक लड़का हाथ से छूट गया और वह गहराई में समा गया।

स्थानीय गोताखोरों ने भी रातभर खोजबीन की लेकिन बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका। एनडीआरएफ की टीम ने बताया कि नदी का बहाव तेज है और पानी की गहराई ज्यादा होने के कारण खोज अभियान में दिक्कतें आ रही हैं। परिजन लगातार घाट पर मौजूद हैं और अपने बच्चे की सलामती की दुआ कर रहे हैं।

यह हादसा फिर से याद दिलाता है कि गंगा या किसी भी नदी में बिना निगरानी के नहाना कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि ऐसे हादसों से बचने के लिए बच्चों को अकेले नदी किनारे जाने से रोका जाए।

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