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NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया

NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया

एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया, चुनाव जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद हो रहे हैं।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया। भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और एनडीए घटक दलों के नेताओं की बैठक के बाद यह निर्णय सार्वजनिक किया गया। कई राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने नड्डा के हवाले से पुष्टि की कि एनडीए ने राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगाई और विपक्ष से सर्वसम्मति का प्रयास करने की बात भी कही।

यह घोषणा ऐसे समय हुई है जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह संवैधानिक पद रिक्त है। धनखड़ ने जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद त्याग दिया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू की।

चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आख़िरी तारीख़ 21 अगस्त है। नामांकन की जांच 22 अगस्त को होगी, नाम वापस लेने की समय-सीमा 25 अगस्त तक तय है और मतदान 9 सितंबर को संसद भवन परिसर में कराया जाएगा। मतगणना उसी दिन पूरी करने का कार्यक्रम है।

संविधान और नियमावली के मुताबिक़ उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के (नामित सदस्यों सहित) सांसदों द्वारा ‘सिंगल ट्रांसफरेबल वोट’ प्रणाली से गुप्त मतदान के ज़रिये होता है। इस निर्वाचन में राज्यसभा के महासचिव को प्रायः रिटर्निंग ऑफिसर नामित किया जाता है।

सी. पी. राधाकृष्णन भाजपा के अनुभवी राजनेता हैं। वे दो बार (1998 और 1999) तमिलनाडु के कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और 2004-2007 के बीच भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष रहे। केंद्र सरकार के कोयर बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर चार वर्ष की अवधि में उन्होंने इस क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने की पहल की। संवैधानिक ज़िम्मेदारियों में वे झारखंड के राज्यपाल (फरवरी 2023 से) रहे, बाद में उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया। 31 जुलाई 2024 को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली।

महाराष्ट्र में कार्यकाल के दौरान उन्होंने सामाजिक सौहार्द और संवाद पर कई मंचों से जोर दिया। सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनके वक्तव्यों ने आवास, भाषा और समावेशन जैसे मुद्दों पर संवेदनशील रुख़ को रेखांकित किया।

एनडीए की ओर से नाम की घोषणा के बाद अब औपचारिक नामांकन से लेकर प्रचार और मतदान तक की प्रक्रिया तेज़ होगी। चुनाव आयोग ने चुनाव कार्यक्रम स्पष्ट कर दिया है और आवश्यक औपचारिकताएँ, जैसे दोनों सदनों की अद्यतन मतदाता सूची तैयार करने की सूचना पहले ही दे चुका है। विपक्ष की ओर से प्रत्याशी पर अंतिम निर्णय अभी शेष है; उधर, सत्तापक्ष ने सर्वसम्मति से उपराष्ट्रपति चुनने की अपील दोहराई है।

उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं, इसलिए यह चुनाव संसद के ऊपरी सदन के संचालन और विधायी कार्यसूची को प्रभावित करता है। गुप्त और आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के कारण यह चुनाव संख्या-बल के साथ-साथ राजनीतिक संवाद और मत-हस्तांतरण की समझ का भी परीक्षण होता है।

एनडीए द्वारा सी. पी. राधाकृष्णन का नाम सामने आने के साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का स्वरूप स्पष्ट होने लगा है। अब निगाहें विपक्षी खेमे की रणनीति, नामांकन की औपचारिकताओं और 9 सितंबर को होने वाले मतदान पर टिकी रहेंगी। चुनाव आयोग द्वारा तय समय-सारिणी के हिसाब से अगले कुछ दिनों में घटनाक्रम तेज़ रहने वाला है।

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