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पवन सिंह को धोखाधड़ी मामले में राहत, वाराणसी कोर्ट ने मंजूर की अग्रिम जमानत याचिका

पवन सिंह को धोखाधड़ी मामले में राहत, वाराणसी कोर्ट ने मंजूर की अग्रिम जमानत याचिका

वाराणसी की अपर सत्र न्यायालय ने भोजपुरी गायक पवन सिंह को धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम जमानत दी, यह फिल्म निर्माण में निवेश से जुड़ा विवाद है।

वाराणसी की अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश देवकांत शुक्ला ने भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह को बड़ी राहत देते हुए धोखाधड़ी के एक मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद उन्हें अगली तारीख पर तलब किया है। यह मामला वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज एक गंभीर आपराधिक प्रकरण से जुड़ा है, जिसमें फिल्म निर्माण के नाम पर निवेश से जुड़ा विवाद सामने आया था।

पवन सिंह की ओर से वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता मंगलेश कुमार दुबे, अमन कुमार त्रिपाठी और रामानंद पांडेय ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि यह पूरा मामला आपसी व्यावसायिक विवाद से जुड़ा है और अभिनेता को बदनाम करने की साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत मंजूर की।

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि कैंट थाने में दर्ज एफआईआर में पवन सिंह और अन्य लोगों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी देने के आरोप हैं। वादी विशाल सिंह ने आरोप लगाया है कि वह नदेसर स्थित अपने होटल और ट्रैवल्स व्यवसाय के माध्यम से फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों के संपर्क में आए थे। वर्ष 2017 में उनकी मुलाकात मुंबई में प्रेमशंकर राय और उनकी पत्नी सीमा राय से हुई, जिन्होंने खुद को फिल्म निर्माता बताया और भोजपुरी फिल्मों में निवेश कर भारी मुनाफा दिलाने का प्रस्ताव दिया।

वादी के अनुसार, वर्ष 2018 में पवन सिंह से मुलाकात कर उन्हें “बॉस” नामक भोजपुरी फिल्म में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने विश्वास में आकर 32.60 लाख रुपये श्रेयस फिल्म प्राइवेट लिमिटेड के खाते में जमा किए। फिल्म निर्माण में लगभग 1.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन मुनाफा या निवेश की रकम लौटाने के बजाय विपक्षीगणों ने संपर्क तोड़ लिया। बाद में वादी को पता चला कि फिल्म बिक चुकी है, लेकिन उसे न निवेश की राशि मिली और न ही लाभ का हिस्सा।

वादी का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने बार-बार पैसे की मांग की तो उन्हें धमकी दी गई और पवन सिंह की ओर से जान से मारने की बात कही गई। शिकायत दर्ज कराने के बाद कैंट थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 467, 468 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

विशाल सिंह ने आरोप लगाया कि फिल्म “बॉस” के लिए फर्जी एग्रीमेंट तैयार किया गया था और उन्हें झूठे सब्सिडी वादों में फंसाया गया। उनका कहना है कि फिल्म से करोड़ों रुपये का मुनाफा हुआ, लेकिन निवेशकों को हिस्सा नहीं दिया गया। पुलिस की निष्क्रियता से निराश होकर उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

जानकारी के अनुसार, भोजपुरी स्टार पवन सिंह के पास कुल 11 करोड़ 70 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति है। उनके नाम लखनऊ और मुंबई में पांच फ्लैट हैं, जिनकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये बताई गई है। साथ ही पटना और आरा में भी उनकी संपत्तियां हैं। उनके पास एक करोड़ रुपये से अधिक की चार महंगी गाड़ियां और एक स्कूटी भी है। पवन सिंह पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें शारीरिक शोषण से जुड़े आरोप भी शामिल हैं।

कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत मिलने के बाद अब आगे की सुनवाई में यह तय होगा कि अभिनेता और अन्य आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है और आरोपों से संबंधित दस्तावेज और साक्ष्य खंगाल रही है।

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