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प्रयागराज: करवरिया शादी में नहीं पहुंचे भाजपा के दिग्गज नेता, भेजे थे निमंत्रण

प्रयागराज: करवरिया शादी में नहीं पहुंचे भाजपा के दिग्गज नेता, भेजे थे निमंत्रण

प्रयागराज के चर्चित करवरिया परिवार की बेटी की शादी में गृहमंत्री अमित शाह समेत कई बड़े भाजपा नेताओं ने दूरी बनाए रखी, जबकि उन्हें व्यक्तिगत निमंत्रण भेजा गया था.

प्रयागराज के चर्चित करवरिया परिवार की बेटी मीनाक्षी की शादी 29 नवंबर को पूरे पारंपरिक आयोजन के साथ हुई, लेकिन इस समारोह में भारतीय जनता पार्टी के बड़े चेहरे नजर नहीं आए. जबकि करवरिया बंधुओं ने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण भेजा था. इसके बावजूद किसी बड़े नेता का पहुंचना तो दूर, शहर के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी समारोह में दिखाई नहीं दिए.

शादी की तैयारियां कई महीनों से चल रही थीं और करवरिया परिवार ने इसे बड़े स्तर पर आयोजित किया था. हालांकि, राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय यह रहा कि भाजपा के बड़े नेता इस कार्यक्रम में दूर रहे. करवरिया परिवार का नाम 1996 के जवाहर यादव हत्याकांड से जुड़ा रहा है, और इसी मामले में करवरिया बंधुओं को सजा हो चुकी है. शादी के लिए कपिलमुनि करवरिया को 10 दिन की और सूरजभान करवरिया को 4 दिन की पैरोल मिली, जबकि उदयभान करवरिया उनकी सजा माफी के बाद लगभग 10 साल बाद जेल से बाहर आए हैं.

समारोह में राजनीतिक उपस्थिति लगभग शून्य रही. आमतौर पर बड़े नेता जहां भी जाते हैं, सोशल मीडिया पर उसकी झलक जरूर साझा करते हैं, लेकिन इस शादी को लेकर न तो नेताओं ने उपस्थिति दर्ज करायी और न ही सोशल मीडिया पर किसी प्रकार का उल्लेख किया. यहां तक कि जो लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, उन्होंने भी कैमरों और सार्वजनिक मंचों से दूरी बनाए रखी. यह स्थिति अपने आप में राजनीतिक संकेत छोड़ती दिखी.

एक दिन पहले तक मत्स्य मंत्री संजय निषाद का कार्यक्रम सूची में था, लेकिन अंतिम समय में उनका आगमन निरस्त कर दिया गया. इससे यह और स्पष्ट हुआ कि पार्टी ने इस शादी से दूरी बनाए रखने का निर्णय लिया था. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि करवरिया परिवार का अतीत भाजपा की छवि के विपरीत जाता है और ऐसे में किसी मंत्री या केंद्रीय नेता का इस समारोह में जाना विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता था.

राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील शुक्ला के अनुसार भाजपा इस मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी. उनका मानना है कि एक समय करवरिया बंधुओं की राजनीतिक पकड़ मजबूत हुआ करती थी और उनका संपर्क शीर्ष नेतृत्व तक था, लेकिन वर्षों से जेल में रहने और हत्याकांड का दाग लगने के बाद स्थितियां काफी बदल गई हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी के साथ करवरिया परिवार के रिश्ते कभी मजबूत रहे, लेकिन अब वह समीकरण भी सक्रिय नहीं दिखते.

मीनाक्षी की शादी अकबरपुर के डॉक्टर सिद्धांत के साथ हुई. परिवार की खुशियों के बीच यह चर्चा भी बनी रही कि एक बड़े राजनीतिक परिवार की शादी में भाजपा का कोई प्रतिनिधित्व न होना कितना असामान्य है. करवरिया परिवार ने इसे व्यक्तिगत कार्यक्रम बताते हुए अपनी तैयारी में कोई कमी नहीं रखी, लेकिन बड़े नेताओं की अनुपस्थिति पूरे कार्यक्रम में राजनीतिक चर्चा का मुख्य विषय बनी रही.

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