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राजस्थान: चुरू में वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट क्रैश, दो लोगों की दुखद मौत

राजस्थान: चुरू में वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट क्रैश, दो लोगों की दुखद मौत

चुरू जिले के भाणूदा गांव में वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है।

राजस्थान: चुरू जिले से मंगलवार को एक बड़ा हादसा सामने आया, जहां भारतीय वायु सेना का एक फाइटर जेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह विमान जगुआर (Jaguar) फाइटर जेट था, जो चुरू जिले के राजलदेसर थाना क्षेत्र के भाणूदा गांव में क्रैश हुआ। इस भीषण दुर्घटना में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। घटनास्थल पर फाइटर जेट जैसा मलबा फैला हुआ पाया गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

चुरू के पुलिस अधीक्षक जय यादव ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना की सूचना मिलते ही राजलदेसर पुलिस टीम को मौके पर रवाना किया गया। वहां से जो प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है, उसके अनुसार मलबे के पास दो क्षत-विक्षत शव मिले हैं। इनकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। मलबे के टुकड़ों के बीच शव के अंग बेहद बुरी हालत में मिले, जिससे मृतकों की पहचान प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

हादसे के कारणों की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। भारतीय वायुसेना और स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंचकर जांच में जुट गई हैं। फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है ताकि क्रैश के तकनीकी और मानव कारणों का विश्लेषण किया जा सके। इस दौरान इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आम जनता को दूर रहने की अपील की गई है।

क्या है जगुआर की तकनीकी खासियत?

जिस फाइटर जेट के क्रैश की खबर आई है, वह जगुआर है – एक ब्रिटिश-फ्रेंच निर्मित सुपरसोनिक अटैक एयरक्राफ्ट जिसे भारतीय वायुसेना कई वर्षों से संचालन में रख रही है। यह विमान ग्राउंड अटैक और एंटी-शिप मिशन जैसे अभियानों में विशिष्ट भूमिका निभाता है। तकनीकी दृष्टि से देखें तो यह फाइटर जेट 36,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है और महज 90 सेकंड में 30,000 फीट की ऊंचाई हासिल कर सकता है। खास बात यह है कि यह कम दूरी के रनवे, यानि 600 मीटर लंबे रनवे से भी टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है, जिससे इसे दुर्गम क्षेत्रों में भी प्रयोग करने में सहूलियत मिलती है।

भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल कुछ सक्रिय स्क्वाड्रन हैं जिनमें जगुआर अभी भी इस्तेमाल में है, हालांकि इसकी जगह भविष्य में अपग्रेडेड या आधुनिक फाइटर जेट लाने की योजनाएं भी प्रगति पर हैं।

इलाके में फैली दहशत, जांच जारी

भाणूदा गांव में हुए इस हादसे के बाद ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। ग्रामीणों के अनुसार, सुबह तेज आवाज के साथ एक बड़ा धमाका हुआ और आसमान से एक विमान तेजी से नीचे गिरा। विमान के गिरते ही आग का बड़ा गोला बन गया और घटनास्थल से धुआं उठता रहा। यह देखकर लोग तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े, लेकिन वहां फैले मलबे और जले हुए टुकड़ों को देखकर पीछे हट गए।

घटना की सूचना मिलते ही वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय प्रशासन और मेडिकल टीम मौके पर पहुंची। अब तक की जानकारी के अनुसार यह प्रशिक्षण उड़ान का हिस्सा था या ऑपरेशनल मिशन, इस पर अभी आधिकारिक बयान आना बाकी है।

वायुसेना की ओर से बयान की प्रतीक्षा

भारतीय वायुसेना की ओर से अब तक इस हादसे पर कोई विस्तृत आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, यह संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इस पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस या औपचारिक जानकारी दी जा सकती है।

फिलहाल, दो जानों के नुकसान के साथ यह हादसा एक बार फिर रक्षा क्षेत्र में उड़ानों की सुरक्षा और रखरखाव से जुड़े सवालों को सामने लाता है। यह देखा जाना बाकी है कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी था या मानवीय चूक। जांच पूरी होने तक कई संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।

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Category: defence accident

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