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प्रदेश में श्रम सुधारों हेतु स्व प्रमाणन, थर्ड पार्टी ऑडिट व्यवस्था लागू

प्रदेश में श्रम सुधारों हेतु स्व प्रमाणन, थर्ड पार्टी ऑडिट व्यवस्था लागू

राज्य में श्रम सुधारों के लिए स्व प्रमाणन व थर्ड पार्टी ऑडिट लागू, गैर खतरनाक उद्योगों को निरीक्षण से मिलेगी राहत।

प्रदेश में श्रम सुधारों को प्रभावी बनाने और उद्योगों पर अनावश्यक दबाव को कम करने के उद्देश्य से स्व प्रमाणन और थर्ड पार्टी ऑडिट व्यवस्था को औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है। इस नई प्रणाली के तहत गैर खतरनाक श्रेणी के कारखानों और प्रतिष्ठानों को श्रम कानूनों के अनुपालन की ऑनलाइन घोषणा करने पर पांच वर्ष में एक बार ही निरीक्षण का सामना करना होगा। सरकार का कहना है कि इस व्यवस्था से विभागीय अधिकारियों का हस्तक्षेप कम होगा और उद्यमियों को अपने उद्योग के सुचारु संचालन में अधिक सुविधा मिलेगी।

नई प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ उन स्टार्ट अप इकाइयों को मिलेगा जो गैर खतरनाक श्रेणी में आती हैं। स्टार्ट अप नीति के तहत ऐसे कारखानों और प्रतिष्ठानों को निरीक्षण से दस वर्ष तक की छूट दी गई है। यह छूट निवेश मित्र पोर्टल पर प्रदर्शित होने की तारीख से प्रभावी होगी और तब तक जारी रहेगी जब तक इकाई की स्टार्ट अप वाली स्थिति बनी रहती है या दस वर्ष पूरे नहीं हो जाते। हालांकि यदि श्रम कानूनों के उल्लंघन की कोई सत्यापन योग्य शिकायत मिलती है या किसी तरह की दुर्घटना होती है तो सक्षम अधिकारी की अनुमति से निरीक्षण किया जा सकेगा। इसके माध्यम से विभाग व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखते हुए श्रमिकों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देना चाहता है।

गैर खतरनाक कारखानों को अब श्रम विभाग की वेबसाइट पर श्रम कानूनों के अनुपालन की ऑनलाइन घोषणा करनी होगी जिसे स्व प्रमाणन कहा जाता है। इस घोषणा के बाद कारखाने का निरीक्षण केवल रेंडम आधार पर पांच वर्ष में एक बार किया जाएगा। यदि कोई उद्यमी स्व प्रमाणन का विकल्प नहीं चुनता है तो वह थर्ड पार्टी निरीक्षण के लिए मान्यता प्राप्त एजेंसी का चयन कर सकता है। थर्ड पार्टी निरीक्षण की स्थिति में तीन वर्ष में एक बार ऑडिट कराया जाएगा। यह प्रक्रिया सरकार द्वारा अनुमोदित एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी ताकि निरीक्षण निष्पक्ष और पारदर्शी रहे।

श्रमायुक्त कार्यालय के आईटी प्रभारी और अभियंता विद्युत यांत्रिक गौरव कुमार ने बताया कि उच्च जोखिम वाले कारखानों का निरीक्षण अभी भी श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिकायत या दुर्घटना के मामलों में सक्षम अधिकारी की अनुमति से गैर खतरनाक कारखानों में भी निरीक्षण किया जा सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्व प्रमाणन और थर्ड पार्टी निरीक्षण प्रणाली लागू होने से कम जोखिम वाले कारखानों, दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण का बोझ कम होगा और वे विभागीय हस्तक्षेप से काफी हद तक मुक्त रहेंगे। इस बदलाव से उद्योग और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और प्रशासन के साथ उनका संवाद अधिक सरल और सुगम होगा।

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