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वाराणसी: कॉलेज में साइबर जागरूकता पर विशेष कार्यक्रम, पुलिस ने छात्रों को किया सतर्क

वाराणसी: कॉलेज में साइबर जागरूकता पर विशेष कार्यक्रम, पुलिस ने छात्रों को किया सतर्क

वाराणसी के डॉ घनश्याम सिंह महाविद्यालय में साइबर जागरूकता कार्यक्रम हुआ, जिसमें पुलिस ने छात्रों को डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के उपाय सिखाए।

वाराणसी के डॉ घनश्याम सिंह महाविद्यालय लालपुर में बुधवार को साइबर जागरूकता पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम बजाज फाइनेंस के नॉक आउट डिजिटल फ्रॉड अभियान और उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर सेल के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 150 छात्र छात्राएं और फैकल्टी सदस्य शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को बढ़ते साइबर अपराधों से सतर्क करना और डिजिटल सुरक्षा के प्रभावी उपाय सिखाना था।

साइबर सेल के सीओ विदुष सक्सेना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि यदि वे जागरूक नहीं हुए तो कोई साधारण व्यक्ति भी कुछ ही मिनटों में उनके बैंक खातों को खाली कर सकता है। उन्होंने कहा कि ठग हर आयु वर्ग और हर पेशे के अनुसार अलग अलग तरीके अपनाते हैं। वर्ष 2024 में साइबर अपराधियों ने भारतीय नागरिकों से करीब 24 हजार करोड़ रुपये की ठगी की है और यह पैसा चीन, कंबोडिया और दुबई जैसे देशों में भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में एक करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी भी हुई है।

विदुष सक्सेना ने सलाह दी कि सोशल मीडिया या किसी भी ऐप पर अपनी लोकेशन साझा न करें क्योंकि हर कुछ सेकंड में ठगी का नया तरीका सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि लोग सावधान रहेंगे तो उन्हें पुलिस के पास आने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

साइबर विशेषज्ञ विराट सिंह ने भी छात्रों से जागरूक रहने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि लोग अक्सर सोचते हैं कि उनके साथ ठगी नहीं हो सकती लेकिन जागरूकता की कमी उन्हें साइबर अपराधियों का आसान शिकार बना देती है। उन्होंने बताया कि आज लगभग 18 से 20 तरीकों से ऑनलाइन ठगी की जा रही है। ठग डिजिटल पहचान बनाकर लोगों को फंसाते हैं और कई बार आधार कार्ड की जानकारी भी डार्क वेब से हासिल कर लेते हैं। उन्होंने सलाह दी कि ऑनलाइन गेम में निवेश न करें और किसी भी तरह की संदिग्ध एपीके फाइल न खोलें।

कार्यक्रम में कॉलेज प्रबंधक नागेश्वर सिंह, प्राचार्य डॉ आनंद सिंह, सब इंस्पेक्टर आकांक्षा सिंह, निकिता सिंह, जितेंद्र सिंह, बजाज फाइनेंस के शशिकांत तिवारी और जय वर्मा समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे। वक्ताओं ने कहा कि यह अभियान लोगों को ओटीपी या पिन साझा न करने, संदिग्ध लिंक, ईमेल और क्यूआर कोड से दूर रहने और अनजान ऐप डाउनलोड न करने के लिए प्रेरित कर रहा है। यह पहल भारतीय रिजर्व बैंक के 2024 के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट दिशानिर्देशों के अनुरूप है और डिजिटल वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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