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वाराणसी: दालमंडी ध्वस्तीकरण पर वीडीए ने दी सफाई, कार्रवाई को बताया नियम आधारित

वाराणसी: दालमंडी ध्वस्तीकरण पर वीडीए ने दी सफाई, कार्रवाई को बताया नियम आधारित

वाराणसी में दालमंडी ध्वस्तीकरण पर विवाद के बीच वीडीए ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई पूरी तरह नियम आधारित थी और सभी को सुनवाई का अवसर मिला था।

वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में हाल ही में हुई ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर उठ रहे सवालों के बीच वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। राजनीतिक आरोपों और स्थानीय विरोध के बीच प्राधिकरण ने बताया है कि कार्रवाई पूरी तरह नियम आधारित थी और सभी भवन स्वामियों तथा दुकानदारों को विधि अनुसार सुनवाई का अवसर भी दिया गया था। प्राधिकरण का कहना है कि दालमंडी में बिना अनुमति के बने कुल 12 अवैध भवनों को उप्र नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 के तहत नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस मिलने के बाद किसी भी भवन स्वामी ने न तो अनुज्ञा प्रपत्र प्रस्तुत किया और न ही स्वामित्व से संबंधित आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराए। इसी कारण पूर्व में पारित ध्वस्तीकरण आदेश प्रभावी रहा और कार्रवाई आगे बढ़ाई गई।

वीडीए अधिकारी बताते हैं कि ध्वस्तीकरण से पहले सभी पक्षों को समय पर सूचना दी गई थी। संबंधित भवनों पर नोटिस चस्पा किए गए, लाउडस्पीकर के माध्यम से मुनादी कराई गई और उन्हें 14 नवंबर तक का समय दिया गया था। प्राधिकरण का कहना है कि सभी 12 भवन स्वामियों और दुकानदारों को सुनवाई का पूरा अवसर प्रदान किया गया था, जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की गई। अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि नियमों के पालन और शहर के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए यह कदम आवश्यक था।

दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण से जुड़ी यह कार्रवाई पहले से प्रस्तावित योजना का हिस्सा है। पुलिस उपायुक्त काशी जोन के अनुसार दालमंडी सड़क का विस्तार नई सड़क से लेकर थाना चौक रोड तक निर्धारित है। इसी क्रम में 18 नवंबर को नगर निगम, राजस्व विभाग, पीडब्ल्यूडी और वीडीए की संयुक्त टीम ने पुलिस बल के साथ मिलकर भवन संख्या डी 50 221 काजीपुरा कला दशाश्वमेध के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की। संबंधित भवन को प्राधिकरण ने पहले ही अवैध घोषित कर दिया था। मौके पर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो।

बताया गया है कि 18 नवंबर को जब प्राधिकरण और नगर निगम की टीम भवन को खाली कराने पहुँची तो संबंधित पक्ष ने मकान खाली करने से इनकार कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बाधा उत्पन्न होने के बाद वीडीए के जोनल अधिकारी सौरभ देव प्रजापति की तहरीर पर थाना चौक में कुछ लोगों और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अब इस मामले की विवेचना उप निरीक्षक द्वारा की जा रही है। सहायक पुलिस आयुक्त दशाश्वमेध और प्रभारी निरीक्षक चौक को निर्देश दिए गए हैं कि वे साक्ष्य संकलन पूरा कर कानूनी विवेचना को गुण दोष के आधार पर आगे बढ़ाएं और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखें।

वाराणसी विकास प्राधिकरण का कहना है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ यह अभियान न केवल नियमों के अनुपालन के लिए जरूरी है बल्कि शहर में चल रही विकास परियोजनाओं को सुचारु रूप से पूरा करने में भी मदद करेगा। दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण से क्षेत्र में आवाजाही बेहतर होगी और भविष्य में यातायात प्रबंधन को मजबूत बनाने का लक्ष्य भी पूरा होगा। प्रशासन का दावा है कि पूरे मामले में पारदर्शिता बरती गई है और कार्रवाई केवल उन्हीं निर्माणों पर की जा रही है जो बिना अनुमति के खड़े किए गए थे। प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वह विकास कार्यों में सहयोग करे और आवश्यक अनुमति प्रक्रिया का पालन करे ताकि भविष्य में किसी विवाद या कार्रवाई की नौबत न आए।

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