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वाराणसी: दालमंडी का बदलेगा स्वरूप, चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण का 3D वीडियो जारी

वाराणसी: दालमंडी का बदलेगा स्वरूप, चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण का 3D वीडियो जारी

वाराणसी में दालमंडी के सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण की योजना का 3D वीडियो जारी, सड़क 8.5 मीटर चौड़ी होगी और 187 मकान चिह्नित किए गए हैं।

वाराणसी की पुरानी और बेहद व्यस्त दालमंडी गली अब एक नए रूप में नजर आने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। शहर के इस महत्वपूर्ण मार्ग के सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण के लिए शासन और पीडब्ल्यूडी ने संयुक्त रूप से काम शुरू किया है। इसी योजना का पहला विस्तृत 3D वीडियो अब सामने आया है, जिसमें दालमंडी को भविष्य में एक आधुनिक, आकर्षक और सुगम मार्ग के रूप में दिखाया गया है। इस वीडियो में पूरी गली को एक ही रंग की इमारतों, दोनों ओर बने चौड़े फुटपाथ, हरियाली, सलीकेदार लाइटिंग और ओवरहेड तारों से मुक्त साफ सड़क के रूप में प्रदर्शित किया गया है। वीडियो देखने से स्पष्ट होता है कि अब तक की पहचान वाली तंग और भीड़भाड़ वाली दालमंडी को एक व्यवस्थित और सुरक्षित मॉडल रोड में बदला जाएगा।

चौड़ीकरण के लिए प्रशासन ने कुल 187 मकानों को बाधा मानते हुए चिह्नित किया है और इनमें नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी ने मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है ताकि प्रभावित लोगों को उचित धनराशि दी जा सके और परियोजना की गति बनी रहे। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। योजना के तहत दालमंडी रोड को दोनों तरफ से 8.5 मीटर की चौड़ाई में तैयार किया जाएगा। इस चौड़ीकरण से न केवल स्थानीय लोग बल्कि काशी पहुंचने वाले देश और विदेश के पर्यटक भी बेहतर यातायात और आधुनिक वातावरण का अनुभव करेंगे। सरकार का लक्ष्य इस मार्ग को दिल्ली और बंगलुरू की प्रमुख सड़कों जैसी हाई क्वालिटी सड़क के रूप में विकसित करना है, जिसके लिए श्रेष्ठ निर्माण सामग्री और उन्नत तकनीक का उपयोग होगा।

दालमंडी की सबसे बड़ी समस्या वर्षों से सड़क के ऊपर से गुजरती बिजली, इंटरनेट और अन्य तारों का जंजाल रहा है। नई योजना में करीब 650 मीटर लंबे हिस्से को पूरी तरह नो वायर जोन बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए सभी आवश्यक लाइनें जैसे बिजली, इंटरनेट, वाईफाई, सीएनजी पाइपलाइन, पीएनजी गैस लाइन, ड्रेनेज और स्ट्राम वाटर लाइन को अंडरग्राउंड डग आउट सिस्टम में स्थापित किया जाएगा। शहर की किसी संकरी गली में पहली बार इस स्तर का आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा, जिससे भविष्य में दुर्घटना की आशंका भी लगभग खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही सड़क के दोनों ओर 3.2 मीटर चौड़े फुटपाथ बनाए जाएंगे जिनमें पौधों की सजावट और हरियाली शामिल होगी। इससे पैदल यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक रास्ता मिलेगा और गली का सौंदर्य भी बढ़ेगा। दालमंडी की श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से निकटता को देखते हुए इस मार्ग को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप भी दिया जाएगा।

सौंदर्यीकरण में तीन मुख्य बदलाव तय किए गए हैं जिनमें शाम के समय सड़क को दूधिया रोशनी में नहलाने वाली हेरिटेज लाइटें, सभी इमारतों को एक समान रंग में रंगने का प्रस्ताव और दीवारों पर की जाने वाली आकर्षक चित्रकारी शामिल है। इससे गली में प्रवेश करते ही काशी के आध्यात्मिक माहौल का एहसास होगा। नगर निगम ने 187 मकानों को ढहाने के लिए चिन्हित किया है और इनके मालिकों को लगभग 191 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इनमें से 14 दुकानदार मुआवजा प्राप्त कर ध्वस्तीकरण के लिए लिखित अनुमति भी दे चुके हैं, जिनके मकान सबसे पहले हटाए जा रहे हैं। अभी तक दो मकान गिराए जा चुके थे और आगे प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।

दालमंडी का इतिहास भी यहां के बदलाव को और खास बनाता है। अंग्रेज इसे डॉलमंडी के नाम से जानते थे। यह वही क्षेत्र है जहां बॉलीवुड अभिनेत्री नरगिस की मां और अभिनेता संजय दत्त की नानी जद्दनबाई रहती थीं। बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक लच्छू महाराज का भी इस इलाके से गहरा संबंध रहा है। नए स्वरूप के साथ दालमंडी न केवल आधुनिक पहचान पाएगी बल्कि अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को भी एक नए अंदाज में सामने रखेगी।

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