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वाराणसी: रिंग रोड सहित 6 NH पर लगेंगे फ्लेक्सिबल मीडियन मार्कर, बढ़ेगी सड़क सुरक्षा

वाराणसी: रिंग रोड सहित 6 NH पर लगेंगे फ्लेक्सिबल मीडियन मार्कर, बढ़ेगी सड़क सुरक्षा

वाराणसी परिक्षेत्र के रिंग रोड समेत छह राष्ट्रीय राजमार्गों पर फ्लेक्सिबल मीडियन मार्कर लगेंगे, जिससे सड़क सुरक्षा बढ़ेगी।

वाराणसी के रिंग रोड सहित बनारस परिक्षेत्र के छह राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए फ्लेक्सिबल मीडियन मार्कर लगाए जाएंगे। यह व्यवस्था खास तौर पर कोहरे और बारिश जैसे खराब मौसम में वाहन चालकों को स्पष्ट दिशा दिखाने में सहायक होगी। इन मार्करों की बेहतर दृश्यता के कारण हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। प्रदेश में नेशनल हाईवे पर फ्लेक्सिबल मीडियन मार्कर लगाने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और रिंग रोड समेत बनारस क्षेत्र में यह प्रयोग पहली बार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से सड़क सुरक्षा के मद्देनजर यह पहल की जा रही है, जिससे खासकर सर्दियों में घने कोहरे के दौरान वाहन चालकों को रास्ता पहचानने में आसानी होगी।

फ्लेक्सिबल मीडियन मार्कर एक विशेष प्रकार का ट्रैफिक उपकरण है, जिसे सड़क के मध्य विभाजन, डिवाइडर और घुमावदार किनारों पर स्थापित किया जाता है। देश के कुछ हिस्सों में इसका उपयोग पहले से हो रहा है, लेकिन पूर्वांचल में लगभग 250 किलोमीटर हाईवे पर इतनी बड़ी संख्या में इन उपकरणों का लगाया जाना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन मार्करों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि किसी वाहन के टकराने पर यह टूटते नहीं हैं बल्कि लचीलापन होने के कारण टक्कर के बाद अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाते हैं। यह मजबूत और लचीले प्लास्टिक से बने होते हैं और दोनों ओर फ्लोरोसेंट पीले रंग की रेट्रो रिफ्लेक्टिव शीटिंग लगी होती है। बारिश और कोहरे में वाहन की हेडलाइट से पड़ने वाला प्रकाश इनसे टकराकर वापस परावर्तित होता है, जिससे लंबी दूरी से भी सड़क का किनारा और मध्य भाग स्पष्ट दिखाई देता है।

इन मार्करों का न्यूनतम परावर्तक क्षेत्र 285 वर्ग मिलीमीटर रखा गया है, जबकि इनकी ऊंचाई सात इंच और चौड़ाई चार इंच है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इन्हें दो मीटर के अंतराल पर लगाया जा रहा है, जबकि मध्य विभाजन वाले हिस्सों में यह दूरी 200 मीटर रखी गई है। हाईवे के घुमाव, पुल, फ्लाईओवर, गोल चक्कर, लेन विभाजक और निर्माण कार्य वाले क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक रखी जा रही है ताकि दुर्घटना संभावित स्थानों पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। करीब 1.47 करोड रुपये की लागत से लगभग एक लाख फ्लेक्सिबल मीडियन मार्कर लगाए जा रहे हैं और यह कार्य महीने के अंत तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। इस परियोजना के लिए लखनऊ की डेस्कान इंफ्रास्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड को कार्यदायी एजेंसी नियुक्त किया गया है।

हाईवे के लगभग 125 किलोमीटर बाहरी हिस्सों में इन उपकरणों को प्राथमिकता के आधार पर लगाया जा रहा है, जिसमें अब तक करीब 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा वाराणसी से मीरजापुर हाईवे पर 19 स्थानों पर, सुलतानपुर मार्ग पर 54 स्थानों पर, गाजीपुर मार्ग पर 22 स्थानों पर और वाराणसी से आजमगढ हाईवे पर 24 घुमावदार स्थानों पर इन मार्करों की संख्या अधिक रखी जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से कोहरे और खराब मौसम में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी और हाईवे पर सफर पहले से अधिक सुरक्षित हो सकेगा।

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