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वाराणसी में आंधी-बारिश का कहर, दुर्गापूजा पंडाल गिरे, सड़कें जलमग्न हुईं

वाराणसी में आंधी-बारिश का कहर, दुर्गापूजा पंडाल गिरे, सड़कें जलमग्न हुईं

वाराणसी में आंधी-बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, दुर्गापूजा पंडाल गिरे, सड़कें जलमग्न और यातायात बाधित रहा।

वाराणसी में शुक्रवार रात आंधी और तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। हथिया नक्षत्र की पूर्व संध्या पर देर शाम शुरू हुई बारिश और तेज हवाओं ने कई जगहों पर नुकसान पहुंचाया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश से जगह जगह जलभराव हो गया। भीषण गर्मी और उमस से राहत तो मिली, लेकिन कई इलाकों में हालात बिगड़ गए।

शहर के प्रमुख इलाकों गौदोलिया, गिरजाघर और लहरतारा-बौलिया मार्ग पर दुर्गापूजा पंडालों के मुख्य द्वार और सजावट का सामान तेज हवाओं में टूटकर सड़क पर गिर गया। बांस, बल्लियां और बैनर सड़कों पर बिखर गए, जिससे दोनों ओर का रास्ता बाधित हो गया। लहरतारा-बौलिया मार्ग पर बने दो बड़े पंडालों के प्रवेश द्वार गिरने से लहरतारा-प्रयागराज मार्ग घंटों बाधित रहा। इस दौरान जौनपुर, मिर्जापुर, गोरखपुर और आजमगढ़ की ओर जाने वाली बसें और निजी वाहन फंस गए। यहां तक कि दोपहिया वाहनों के निकलने की भी जगह नहीं बची। गेट गिरने के समय तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग सहम उठे, हालांकि राहत की बात रही कि बारिश के कारण उस समय सड़क पर ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे।

नई सड़क स्थित गीता मंदिर के पास लगे पोस्टर और बैनर भी गिरकर सड़क पर फैल गए। शहर के कई हिस्सों में रातभर हुई बारिश ने सड़कों को जलमग्न कर दिया। अचानक हुई मूसलाधार बारिश में लोग भीगते हुए किसी तरह सुरक्षित जगहों तक पहुंचे। बनारस रेलवे स्टेशन की बिजली भी गुल हो गई, जिसके चलते यात्री अंधेरे में परेशान होते रहे। वहीं आशापुर-सारनाथ मार्ग पर एक अस्पताल के सामने पेड़ गिरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया।

गौदोलिया, लहुराबीर, मैदागिन, पांडेयपुर, कैंट, नदेसर, लंका, दुर्गाकुंड, सारनाथ, शिवपुर और सामनेघाट सहित कई इलाकों में भारी बारिश हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेवापुरी, चोलापुर, हरहुआ, चौबेपुर, राजातालाब, मोहनसराय और बाबतपुर में तेज बारिश से लोग परेशान रहे।

बीते कई दिनों से मई जैसी धूप और अगस्त जैसी उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा था। शुक्रवार को बारिश शुरू होने से पहले तापमान 36.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो सामान्य से 2.8 डिग्री अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2.9 डिग्री अधिक 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोपहर तक हवा में नमी का स्तर 90 प्रतिशत से अधिक हो गया था। लेकिन शाम होते ही हुई तेज बारिश और हवाओं ने पारा 30 डिग्री से नीचे ला दिया और लोगों को उमस से राहत मिली।

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में मानसून अब पीछे हट रहा है। आगे भारी बारिश की संभावना कम है, हालांकि कहीं कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम विभाग की ओर से इस संबंध में कोई विशेष पूर्वानुमान जारी नहीं किया गया है।

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