वाराणसी में दिसंबर 2025 में काशी तमिल संगमम 4.0 का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम काशी से शुरू होकर रामेश्वरम में समाप्त होगा। इसका उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक संबंधों को और गहरा करना है। इस आयोजन में संगीत, नृत्य, कला, साहित्य और परंपरा से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो भारतीय संस्कृति की एकता और विविधता को प्रदर्शित करेंगे।
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में आयोजित बैठक में आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि काशी तमिल संगमम 4.0 का आयोजन 2 दिसंबर से शुरू होकर दो सप्ताह तक चलेगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि आयोजन को गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भव्य और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न किया जाए। मंडलायुक्त ने प्रतिभागियों के लिए आवास, परिवहन और भोजन की उत्कृष्ट व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए। साथ ही स्टेशन से लेकर ठहरने के स्थलों और नमो घाट, बीएचयू जैसे कार्यक्रम स्थलों तक बसों और वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रतिभागियों के होटलों और अतिथि गृहों की स्थिति का तत्काल सत्यापन किया जाए और भोजन एवं स्वच्छता की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाए। मंडलायुक्त ने प्रतिभागियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने, नोडल अधिकारियों की तैनाती करने और नमो घाट पर लगने वाले स्टालों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां समय पर पूरी करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाओं और स्वच्छता व्यवस्था पर भी विशेष जोर दिया।
बैठक में भासनी ऐप के अधिक उपयोग पर बल दिया गया। यह ऐप हिंदी में बोले गए शब्दों का तमिल में अनुवाद करता है, जिससे काशी तमिल संगमम में शामिल होने वाले तमिल प्रतिभागियों के साथ संवाद आसान हो सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना पर आधारित यह दो सप्ताह लंबा आयोजन देश की भाषाई और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक माना जा रहा है। इस वर्ष का संगमम "चलो तमिल सीखें - करपोम तमिल" थीम पर आधारित है। इसका उद्देश्य उत्तर भारत के लोगों में तमिल भाषा की समझ और रुचि को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें छात्र, शिक्षक, लेखक, मीडिया प्रतिनिधि, किसान, पेशेवर, महिला समूह और आध्यात्मिक विद्वान शामिल होंगे।
संगमम का समापन समारोह 15 दिसंबर को रामेश्वरम में आयोजित होगा, जिसमें कई विशेष पहल शुरू की जाएंगी। इनमें "तमिल करपोम" पहल के तहत उत्तर भारत के छात्रों को तमिल भाषा सीखने का अवसर दिया जाएगा, जबकि "अगस्त्य एक्सपीडिशन" नामक यात्रा तेंकासी से काशी तक निकाली जाएगी, जो तमिलनाडु के योगदान और ऋषि अगस्त्य की विरासत को सम्मानित करेगी।काशी तमिल संगमम की शुरुआत 2022 में हुई थी। पहला संस्करण 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2022 तक आयोजित हुआ था, जिसमें तमिलनाडु से 2,500 से अधिक प्रतिनिधि वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा पर आए थे। दूसरा संस्करण 2023 में वाराणसी के नमो घाट पर हुआ था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। उस दौरान उनके भाषण का तमिल में रियल-टाइम अनुवाद भी किया गया था। तीसरा संस्करण फरवरी 2025 में आयोजित हुआ था, जिसमें ऋषि अगस्त्य की परंपरा और भारतीय ज्ञान परंपरा पर विशेष जोर दिया गया था।
इस वर्ष का आयोजन अब तक का सबसे व्यापक और तकनीकी दृष्टि से उन्नत संस्करण होने जा रहा है। इसमें शिक्षा मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार और कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों की भागीदारी रहेगी।
बैठक में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, शिक्षा विभाग, आईआरसीटीसी तथा अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
वाराणसी में दिसंबर 2025 में काशी तमिल संगमम 4.0 का भव्य आयोजन, तैयारियां तेज

दिसंबर 2025 में वाराणसी में काशी तमिल संगमम 4.0 का भव्य आयोजन होगा, जो उत्तर और दक्षिण भारत के संबंधों को गहरा करेगा।
Category: uttar pradesh varanasi cultural event
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