Sat, 15 Nov 2025 10:32:35 - By : Tanishka upadhyay
बिहार की रामगढ़ विधानसभा सीट का बहुप्रतीक्षित परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया गया। इस सीट पर बेहद कड़े मुकाबले के बाद बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सतीश कुमार यादव ने जीत हासिल की। यह जीत काफी नजदीकी रही क्योंकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह को केवल 30 वोटों के अंतर से हराया। अंतिम गिनती के अनुसार सतीश कुमार यादव को कुल 72689 वोट मिले, जिससे वे मामूली बढ़त के साथ विजेता बने। यह परिणाम उस क्षेत्र में राजनीतिक संतुलन के बदलाव को भी दर्शाता है जहां हर वोट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रामगढ़ सीट पर 11 नवंबर को मतदान हुआ था और इस बार मुख्य मुकाबला बीएसपी के सतीश कुमार यादव, बीजेपी के अशोक कुमार सिंह और आरजेडी के अजीत सिंह के बीच था। चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों ने इस सीट को प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दिया था। बीएसपी की जीत ने राजनीतिक विश्लेषकों के बीच भी चर्चा छेड़ दी है क्योंकि यह सीट आमतौर पर बड़े दलों के प्रभाव में मानी जाती रही है। जीत के बाद बीएसपी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिला और स्थानीय स्तर पर जश्न का माहौल बन गया।
शुक्रवार को बिहार विधानसभा के सभी 243 सीटों के अंतिम परिणाम भी घोषित कर दिए गए। इसमें भारतीय जनता पार्टी को 89 सीटें मिली हैं जबकि जनता दल यूनाइटेड ने 85 सीटों पर जीत दर्ज की। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को 19 सीटें, हम सेक्युलर को 5 और राष्ट्रीय लोक मताधिकार मोर्चा को 4 सीटें प्राप्त हुईं। इस तरह एनडीए गठबंधन 202 सीटों के बड़े आंकड़े तक पहुंच गया जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक 122 सीटों से काफी आगे है। इन परिणामों ने एक बार फिर एनडीए की राजनीतिक मजबूती को स्पष्ट कर दिया है।
दूसरी ओर महागठबंधन के लिए यह चुनाव निराशाजनक रहा क्योंकि उसे कुल 34 सीटें ही मिल सकीं। आरजेडी को 25, कांग्रेस को 6, भाकपा माले लिबरेशन को 2 और माकपा को 1 सीट मिली। इसके अलावा एआईएमआईएम ने 5 सीटें, बसपा ने 1 और आईआईपी ने भी 1 सीट अपने नाम की। इन परिणामों ने बिहार की राजनीति का मौजूदा स्वरूप भी स्पष्ट कर दिया है जहां एनडीए की पकड़ मजबूत होती दिख रही है और विपक्ष के लिए आगे की रणनीति तैयार करना चुनौतीपूर्ण होगा।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि रामगढ़ जैसी सीट पर बीएसपी की जीत उस क्षेत्र में बदलाव के संकेत देती है और आने वाले समय में छोटे और क्षेत्रीय दल भी नई संभावनाओं के साथ उभर सकते हैं। वहीं statewide नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि बिहार की जनता ने स्थिरता और विकास के लिए एनडीए पर भरोसा जताया है। अब सबकी नजरें इस पर होंगी कि नई सरकार आने वाले वर्षों में किन प्राथमिकताओं पर काम करती है और किस तरह प्रदेश के विकास को गति देती है।