Wed, 12 Nov 2025 10:27:20 - By : Yash Agrawal
वाराणसी: कैंट रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की शाम आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से आजाद कराया। टीम ने मौके से तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें एक युवती भी शामिल है। सभी बच्चे गोवाहटी से राजकोट ले जाए जा रहे थे, जहां उन्हें कथित रूप से मजदूरी के काम में लगाया जाना था। पुलिस अब तस्करी नेटवर्क की कड़ियां खंगालने में जुट गई है।
आरपीएफ इंस्पेक्टर संदीप यादव ने बताया कि गोहाटी से ओखा जाने वाली ट्रेन द्वारिका एक्सप्रेस में बच्चों की तस्करी की सूचना लंबे समय से मिल रही थी। इसी सूचना के आधार पर मंगलवार को कैंट स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी ने संयुक्त अभियान चलाया। ट्रेन के आगमन से पहले प्लेटफॉर्म खाली कराया गया और ट्रेन रुकते ही सुरक्षाकर्मियों ने सभी कोचों को घेर लिया।
जांच के दौरान टीम को तीन संदिग्ध यात्री मिले जो बच्चों को अलग-अलग समूहों में लेकर जा रहे थे। इनमें गाजीपुर के दिलदार नगर की रहने वाली एक युवती भी शामिल थी, जिसके पास से 10 बच्चे बरामद हुए। बक्सर जिले के एक युवक के पास एक बच्चा और असम के एक अन्य युवक के पास चार बच्चे मिले। सभी बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और उनके परिवारों की जानकारी जुटाई जा रही है।
आरपीएफ और जीआरपी अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला बाल तस्करी से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। बच्चों को संभवतः राजकोट में श्रमिक कार्यों के लिए भेजा जा रहा था। पुलिस कमिश्नरेट की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी जांच में शामिल हो गई है। तस्करों से पूछताछ कर उनके नेटवर्क और अन्य सहयोगियों की जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस के अनुसार, बच्चों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि उन्हें किस माध्यम से झांसा देकर या मजबूर कर यात्रा पर भेजा गया। आरपीएफ और जीआरपी दोनों ही विभाग अब इस पूरी साजिश के पीछे सक्रिय गिरोह की पहचान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी भी देर रात तक स्टेशन पर मौजूद रहे।