Sat, 27 Dec 2025 12:41:23 - By : Palak Yadav
पूर्वांचल सहित वाराणसी में गलन और घने कोहरे का सिलसिला लगातार बना हुआ है। पछुआ हवाओं के तेज रहने से शनिवार को एक बार फिर शीत दिवस जैसी स्थिति बन गई। रात से ही कोहरा और गलन का असर शुरू हो गया जो दोपहर तक बना रहा। मौसम विभाग के अनुसार पूरे सप्ताह इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है। यदि पछुआ हवाओं का प्रभाव और बढ़ा तो ग्रामीण अंचलों में पाला पड़ने की स्थिति भी बन सकती है। संकेत मिल रहे हैं कि नए साल की शुरुआत तक मौसम का रुख तल्ख बना रहेगा और ठंड से राहत मिलने की उम्मीद कम है।
शनिवार की सुबह गलन और कोहरे के कारण सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। सड़कों पर दृश्यता कम होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हुई। मौसम विभाग की सैटेलाइट तस्वीरों में भी पूर्वांचल में शीत दिवस की सक्रियता साफ नजर आई। दोपहर तक धूप के तेवर कमजोर रहे जिससे वातावरण में ठंडक बनी रही। पहाड़ी इलाकों में दोबारा बर्फबारी शुरू होने के बाद वहां से आने वाली पछुआ हवाओं का असर मैदानी क्षेत्रों तक पहुंच रहा है। इसी कारण पूर्वांचल सहित वाराणसी में कोहरे और गलन का प्रभाव लगातार बना हुआ है।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 19.8 C दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.8 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 9.9 C रहा जो सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक दर्ज किया गया। इस दौरान न्यूनतम आर्द्रता 87 प्रतिशत और अधिकतम 97 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार न्यूनतम तापमान में अपेक्षाकृत अधिकता के बावजूद सूर्य का ताप धरती तक नहीं पहुंच सका। इसी कारण दिन में भी गलन का असर बना रहा और ठंडी हवाओं ने कंपकंपी बढ़ा दी।
मौसम का रुख बीते चौबीस घंटों में न्यूनतम तापमान में लगभग तीन डिग्री की बढ़ोतरी के कारण शुक्रवार की तुलना में शनिवार को कुछ गर्म जरूर रहा लेकिन कोहरे और कमजोर धूप के चलते दोपहर तक ठंड से राहत नहीं मिली। कोहरे का असर विमान और रेल परिचालन पर भी देखने को मिला जिससे कई सेवाएं प्रभावित रहीं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में गलन के और बढ़ने तथा न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना जताई है। अनुमान है कि सप्ताह भर में तापमान सात डिग्री से नीचे जा सकता है जिससे ठंड का प्रकोप और तेज हो सकता है।