Thu, 04 Dec 2025 12:24:01 - By : Palak Yadav
आईआईटी बीएचयू में जारी कैंपस प्लेसमेंट सीजन इस वर्ष कई कारणों से चर्चा में है। जहां छात्रों को तीसरे दिन तक कुल 803 प्री प्लेसमेंट ऑफर मिल चुके हैं, वहीं एक प्रमुख पहलू यह भी है कि प्रशांत किशोर द्वारा स्थापित कंपनी आई पैक इस बार कैंपस में दिखाई नहीं दे रही है। पिछले कई वर्षों में आई पैक ने कैंपस प्लेसमेंट में सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई थी और 2013 में संस्थान के छात्रों को 15 से 18 लाख रुपये तक का वार्षिक पैकेज ऑफर किया था। इस बार कंपनी की अनुपस्थिति को बिहार के हालिया चुनाव नतीजों और प्रशांत किशोर के जनसुराज अभियान पर केंद्रित फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि प्लेसमेंट सीजन अभी बाकी है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या आई पैक अगले दिनों में किसी भी चरण में इस प्रक्रिया का हिस्सा बनती है या नहीं।
प्लेसमेंट के पहले दिन संस्थान में 125 कंपनियों ने 489 छात्रों को ऑफर दिया था। दूसरे दिन 56 कंपनियों द्वारा 227 ऑफर और तीसरे दिन 39 कंपनियों द्वारा 87 ऑफर मिले। इस तरह तीन दिनों में कुल 803 ऑफर जारी हो चुके हैं। संस्थान में इस वर्ष 1704 छात्रों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से लगभग 900 छात्रों का प्लेसमेंट अभी होना बाकी है। पहले दिन 17 छात्रों को एक करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज मिले थे और दूसरे तथा तीसरे दिन भी कई छात्रों ने करोड़ के आंकड़े को छुआ। अधिकतम पैकेज इस वर्ष अब तक 1.65 करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष के रिकॉर्ड के समान है। संस्थान के अधिकारियों का अनुमान है कि जैसे जैसे प्लेसमेंट प्रक्रिया आगे बढ़ेगी यह रिकॉर्ड टूट सकता है।
कंपनियों की मांग में इस वर्ष मैथमैटिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस के छात्रों की लोकप्रियता सबसे अधिक रही है। डेटा एनालिसिस, कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ती जरूरत के कारण इन शाखाओं के छात्र पहले ही दौर में कंपनियों की पसंद बने हुए हैं। इसके साथ ही फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग, मेटलर्जी एंड माइनिंग, बायोमेडिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के छात्रों को भी अच्छे पैकेज मिले हैं। इस वर्ष करोड़ से अधिक के पैकेज ऑफर करने वाली कंपनियों में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एनके सिक्योरिटीज, क्वांट और ओरेकल जैसी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियां शामिल हैं।
आईआईटी बीएचयू की प्लेसमेंट टीम का कहना है कि छात्रों के प्रदर्शन और उद्योग जगत की मांग दोनों में तेजी देखी जा रही है। संस्थान का मानना है कि यह रुझान इस वर्ष छात्रों के लिए बेहतर अवसर पैदा करेगा और तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को भी मजबूत करेगा।