Mon, 11 Aug 2025 22:31:23 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को लोकसभा में 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के भावी मेजबान आयोग के साथ लगातार बातचीत हो रही है।
संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के प्रश्न का उत्तर देते हुए मांडविया ने कहा कि पूरी बोली प्रक्रिया भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की जिम्मेदारी है। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि IOA ने IOC को आधिकारिक आशय पत्र (Letter of Intent) सौंप दिया है और अब यह प्रक्रिया "निरंतर संवाद" के चरण में है, जहां संभावित मेजबान देशों और IOC के बीच विस्तृत मूल्यांकन और चर्चा होती है।
मांडविया ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने अपनी बोली में फिलहाल किसी विशेष शहर का नाम प्रस्तावित नहीं किया है। हालांकि, गुजरात सरकार इस पहल में गहरी रुचि दिखा रही है। गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी हाल ही में उस भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिसने लुसाने (स्विट्ज़रलैंड) स्थित IOC मुख्यालय का दौरा किया और मेजबानी को लेकर विस्तृत वार्ता की। इस चरण में IOC दावेदारों की तैयारी, बुनियादी ढांचे और आयोजन की संभावनाओं का व्यावहारिक आकलन करती है।
मौजूदा समय में, IOC अध्यक्ष क्रिस्टी कोवेंट्री ने मेजबान चयन प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया है। कोवेंट्री, जो स्वयं ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता पूर्व तैराक हैं, ने बताया कि जून में उनकी पहली कार्यकारी बोर्ड बैठक के दौरान सदस्यों के बीच इस प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन करने पर सहमति बनी थी। पहले यह उम्मीद थी कि भारत की बोली पर अंतिम फैसला अगले वर्ष लिया जाएगा, लेकिन अब समयसीमा आगे बढ़ सकती है।
भारत को इस दौड़ में कतर और तुर्किए जैसे मजबूत दावेदार देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, डोपिंग के मामलों में भारत का खराब रिकॉर्ड IOC के लिए चिंता का विषय है। इस संबंध में, IOC ने IOA को सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद IOA ने भारतीय खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने के लिए एक विशेष पैनल का गठन किया है, जो खिलाड़ियों और खेल संघों के बीच जागरूकता, निगरानी और कड़ी कार्रवाई पर काम करेगा।
यदि भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी हासिल करता है, तो यह न केवल देश के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर होगा, बल्कि वैश्विक खेल मानचित्र पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा। अब निगाहें आने वाले महीनों में IOC और IOA के बीच होने वाली चर्चाओं और निर्णयों पर टिकी हैं।