वाराणसी: इटली के कपल ने नवदुर्गा मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से की शादी, मंत्रों का अर्थ भी समझा

वाराणसी के नवदुर्गा मंदिर में इटली के जोड़े एंटोलिया और ग्लोरियस ने हिंदू परंपरा से विवाह किया, संस्कृत मंत्रों का अर्थ भी समझाया गया।

Wed, 12 Nov 2025 10:18:47 - By : Yash Agrawal

वाराणसी: नवदुर्गा मंदिर में एक अनोखी शादी देखने को मिली, जहां इटली के कपल एंटोलिया और ग्लोरियस ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार सात फेरे लिए। दुल्हन एंटोलिया लाल जोड़े और मेहंदी से सजे हाथों में बेहद खूबसूरत लग रही थीं, जबकि दूल्हा ग्लोरियस ने पैंट और शर्ट पहनकर सादगी से समारोह में हिस्सा लिया। विवाह में लावा परछाई, सिंदूर दान, जयमाला और सात फेरे जैसी सभी परंपराएं पूरी की गईं। मंत्रोच्चारण संस्कृत में हुआ, लेकिन दोनों को हर मंत्र का अंग्रेजी में अर्थ भी समझाया गया।

आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि जिन्हें अपना गोत्र ज्ञात नहीं होता है, उन्हें कश्यप गोत्र प्रदान किया जाता है। इस आधार पर दोनों को कश्यप गोत्र से संकल्प कराया गया। उन्होंने कहा कि विवाह के दौरान प्रत्येक मंत्र और वचन का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया ताकि दूल्हा-दुल्हन को हर संस्कार का अर्थ समझ में आए।

दुल्हन ग्लोरियस ने कहा कि हिंदू रीति से विवाह करना उनके लिए आध्यात्मिक अनुभव जैसा था। उन्होंने कहा कि सात वचनों के महत्व को समझना और सिंदूर लगवाना बहुत सुखद लगा। “आई लव इंडिया, आई लव काशी,” कहते हुए उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की।

दूल्हन एंटोलिया ने बताया कि वह और ग्लोरियस पिछले दस सालों से एक-दूसरे को जानते हैं और इटली में साथ काम करते हैं। एक माह पहले उन्होंने इटली में शादी की थी, लेकिन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर उन्होंने काशी में पारंपरिक हिंदू विवाह करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि काशी और भारतीय परंपराओं के बारे में बहुत पढ़ा था, इसलिए यहां आकर शादी करना जीवन का खास पल रहा।

दोनों 10 नवंबर को काशी पहुंचे और स्थानीय गाइड की मदद से आचार्य मनोज मिश्रा से संपर्क किया। पंडित ने विवाह की तिथि 11 नवंबर तय की। शादी से पहले एंटोलिया ने वाराणसी के बाजार से लाल रंग का जोड़ा और चुन्नी खरीदी, जबकि ग्लोरियस ने लाल शर्ट और पैंट ली। 11 नवंबर को दोनों नवदुर्गा मंदिर पहुंचे, जहां पूरे विधि-विधान के साथ विवाह संपन्न हुआ।

आचार्य मिश्रा ने बताया कि एंटोलिया के परिवार से कोई रिश्तेदार शादी में शामिल नहीं हो सका, इसलिए उनके मुंह बोले पिता और भाई ने सभी रस्में निभाईं। विवाह के दौरान पंडित विकास, आनंद और प्रकाश भी मौजूद रहे। सात फेरे पूरे होते ही मंदिर में मौजूद सभी लोगों ने तालियों से नवदंपति को आशीर्वाद दिया।

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