Tue, 28 Oct 2025 15:33:35 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र के बुलानाला स्थित काशिका होटल में मध्य प्रदेश से आए एक शिक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान विनोद साहू के रूप में हुई है, जो जिला गुना के बुड़ा खेड़ा गांव के निवासी थे। घटना 26 अक्टूबर की रात की बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह मामला मानसिक तनाव से जुड़ा प्रतीत हो रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, 35 वर्षीय विनोद साहू पिछले कुछ दिनों से वाराणसी में ठहरे हुए थे। वे काशिका होटल के कमरे नंबर 202 में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने रात में पंखे के सहारे फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। 27 अक्टूबर की सुबह जब होटल स्टाफ ने कमरे का दरवाजा काफी देर तक न खुलने पर आवाज लगाई, तो कोई जवाब नहीं मिला। कर्मचारियों को शक हुआ और उन्होंने होटल प्रबंधन को सूचना दी। जब होटल कर्मियों ने मास्टर चाबी से कमरा खोला, तो अंदर विनोद साहू का शव पंखे से लटका मिला।
सूचना मिलते ही चौक थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया और पंचनामा तैयार करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की जानकारी मृतक के परिवार को दी गई, जिसके बाद उनका छोटा भाई शिव कुमार साहू तुरंत वाराणसी पहुंचा। भाई ने घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस से बातचीत की और घटना के संबंध में जानकारी ली।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मृतक कुछ समय से मानसिक तनाव में चल रहे थे। हालांकि आत्महत्या के पीछे का सटीक कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस ने होटल के रजिस्टर और कमरे से मिले सामान को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस मृतक के मोबाइल फोन और अन्य वस्तुओं की जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
इस घटना के बाद होटल प्रबंधन और आस-पास के लोगों में शोक की लहर है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिवारजनों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही घटना की पूरी तस्वीर साफ हो सकेगी। फिलहाल कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
विनोद साहू मध्य प्रदेश में एक सरकारी विद्यालय में अध्यापक के रूप में कार्यरत थे। परिजनों के अनुसार, वे कुछ समय से निजी और मानसिक परेशानियों से गुजर रहे थे, लेकिन उन्होंने इस हद तक कदम उठाने का विचार कर लिया, यह किसी ने नहीं सोचा था। परिवारजन इस घटना से गहरे सदमे में हैं।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर समाज में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव, अवसाद और मानसिक दबाव से जूझ रहे लोगों को समय रहते परामर्श और भावनात्मक सहयोग मिलना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे मामलों में परिवार और समाज को संवेदनशील भूमिका निभानी चाहिए ताकि कोई व्यक्ति अकेलापन महसूस न करे और कठिन परिस्थिति में आत्मघाती कदम न उठाए।
पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच पूरी निष्पक्षता के साथ की जाएगी और यदि कोई अन्य पहलू सामने आता है तो उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।