ज्यूरिख डायमंड लीग: नीरज चोपड़ा ने जीता सिल्वर, जर्मनी के वेबर ने गोल्ड पर किया कब्जा

ज्यूरिख डायमंड लीग फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 85.01 मीटर थ्रो के साथ सिल्वर जीता, जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.51 मीटर के साथ गोल्ड अपने नाम किया।

Fri, 29 Aug 2025 07:52:35 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

खेल: ज्यूरिख के लेट्जिग्रुंड स्टेडियम में गुरुवार की रात हुए डायमंड लीग फाइनल 2025 में भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपने दमदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया। हालांकि इस बार उन्हें गोल्ड नहीं मिल पाया और वे दूसरे स्थान पर रहे। चोपड़ा ने 85.01 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करते हुए लगातार तीसरे वर्ष सिल्वर मेडल पर कब्जा किया।

जर्मनी के जूलियन वेबर ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 91.51 मीटर का रिकॉर्ड थ्रो कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। वहीं, त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने 84.95 मीटर के प्रयास से ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

फाइनल में नीरज ने अपने पहले प्रयास में 84.35 मीटर की दूरी तय की। दूसरा थ्रो केवल 82 मीटर का रहा, जबकि इसके बाद लगातार तीन प्रयासों में वे फाउल कर बैठे। आखिरी मौके पर उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए 85.01 मीटर का थ्रो किया और उपविजेता बने। यह प्रदर्शन उनके अनुभव और जुझारूपन को दर्शाता है, क्योंकि तीन असफल प्रयासों के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी।

ज्यूरिख का यह स्टेडियम नीरज के करियर से खास जुड़ा है। साल 2022 में वे यहां डायमंड लीग फाइनल में चैंपियन बने थे। इसके बाद 2023 और 2024 में उन्हें उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा। मौजूदा सीजन में भी उन्होंने कुल 7 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया, जिनमें 4 बार गोल्ड और 3 बार सिल्वर जीता।

दोहा डायमंड लीग (मई 2025) में नीरज ने अपने करियर का बेस्ट थ्रो 90.23 मीटर किया, जो पहली बार 90 मीटर से अधिक था। हालांकि, इस उपलब्धि के बावजूद वेबर ने 91.06 मीटर थ्रो कर गोल्ड जीत लिया और नीरज को सिल्वर से संतोष करना पड़ा।

पेरिस डायमंड लीग (जून 2025): इस बार नीरज ने बाजी मारते हुए पहले प्रयास में ही 88.16 मीटर का थ्रो किया और खिताब जीता। वेबर (87.88 मीटर) दूसरे और ब्राजील के मौरिसियो लुइज डा सिल्वा (86.62 मीटर) तीसरे स्थान पर रहे।

डायमंड लीग एथलेटिक्स की दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित वार्षिक टूर्नामेंट है, जिसमें ट्रैक और फील्ड के 16 प्रमुख इवेंट शामिल होते हैं। यह हर साल मई से सितंबर के बीच अलग-अलग शहरों में आयोजित होता है और इसका समापन फाइनल से होता है। हर इवेंट में टॉप-8 खिलाड़ियों को अंक मिलते हैं, और पूरे सीजन के आधार पर खिलाड़ियों की योग्यता फाइनल के लिए तय होती है। विजेता को न सिर्फ डायमंड ट्रॉफी मिलती है बल्कि आकर्षक कैश प्राइज भी दिया जाता है।

नीरज चोपड़ा अब अपना ध्यान वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 पर लगाएंगे, जो 13 से 21 सितंबर तक टोक्यो में होने जा रही है। नीरज इस प्रतियोगिता में अपने खिताब का बचाव करने उतरेंगे। पिछले साल बुडापेस्ट में उन्होंने 88.17 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था।

नीरज का यह सिल्वर भले ही उन्हें गोल्ड से दूर रख गया हो, लेकिन उनकी निरंतरता और बड़े मंच पर दबाव में भी मजबूत प्रदर्शन करना साबित करता है कि वे आज भी दुनिया के सबसे भरोसेमंद और सफल जेवलिन थ्रोअर में शुमार हैं।

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