वाराणसी: गंगा नदी पर एनएसजी कमांडो का आतंकी हमला रोधी अभ्यास, क्रूज बना केंद्र

वाराणसी में गंगा नदी पर एनएसजी कमांडो ने आतंकी रोधी अभ्यास किया जिसमें गंगोत्री क्रूज को निशाना बनाया गया।

Sun, 09 Nov 2025 12:41:45 - By : Shriti Chatterjee

वाराणसी की गंगा नदी पर रविवार की सुबह एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी के कमांडो ने आतंकवाद निरोधी अभ्यास किया। रविदास घाट के पास मौजूद गंगोत्री क्रूज इस अभ्यास का केंद्र था, जिसे आतंकवादी हमले की काल्पनिक स्थिति में सुरक्षा बलों ने घेर लिया। इस दौरान एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीमें भी मौके पर मौजूद रहीं। पूरा इलाका सुरक्षा घेरे में था और गंगा के ऊपर हेलिकॉप्टर मंडरा रहा था, जिससे कमांडो रस्सियों के सहारे नीचे उतर रहे थे। यह नजारा देखने वालों के लिए किसी फिल्मी सीन जैसा प्रतीत हो रहा था, लेकिन असल में यह एक गंभीर सुरक्षा तैयारी का हिस्सा था।

मॉक ड्रिल की शुरुआत गंगा के ऊपर अचानक हेलिकॉप्टर की आवाज से हुई। हेलिकॉप्टर क्रूज के ठीक ऊपर रुका और एनएसजी के प्रशिक्षित कमांडो ने हवा में लटकी रस्सियों से उतरना शुरू किया। नीचे पहुंचते ही उन्होंने क्रूज को चारों ओर से घेर लिया और आतंकी गतिविधि जैसी काल्पनिक स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अभ्यास किया। इसी दौरान घाट पर पहले से तैनात अन्य कमांडो ने गंगा किनारे सुरक्षा घेरे को और मजबूत किया। एनडीआरएफ की बोट टीम ने नदी में चारों ओर से क्रूज को घेर लिया, ताकि किसी भी दिशा से कोई अप्रत्याशित हरकत न हो सके।

स्थानीय पुलिस ने घाटों की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगा दी थी। आम लोगों को सुरक्षित दूरी पर रोक दिया गया ताकि अभ्यास के दौरान किसी तरह की अफरा-तफरी न फैले। पूरे समय प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और ऑपरेशन के हर चरण की बारीकी से निगरानी की। करीब एक घंटे तक चले इस अभ्यास में आतंकवादी हमले की स्थिति में बंधक मुक्ति, बचाव अभियान, और त्वरित कार्रवाई जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम किया गया।

सूत्रों के अनुसार यह मॉक ड्रिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुरक्षा तैयारियों को परखने के उद्देश्य से की गई। आने वाले त्योहारों और पर्यटन सीजन को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया समय और समन्वय का परीक्षण किया गया। अभ्यास के दौरान यह भी आंका गया कि नदी और घाटों के आसपास किसी आपात स्थिति में सुरक्षा बल कितनी तेजी से कार्रवाई कर सकते हैं।

इस पूरे अभियान ने स्थानीय लोगों में उत्सुकता और गर्व दोनों पैदा किया। एक तरफ लोगों ने कमांडो की फुर्ती और समन्वय देखकर तालियां बजाईं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन को भी यह भरोसा मिला कि आपातकालीन स्थिति में वाराणसी पूरी तरह सतर्क और तैयार है।

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