आज से यूपीआई ट्रांजैक्शन में बड़ा बदलाव, 10 सेकंड में मिलेगा कन्फर्मेशन

फोनपे, गूगल पे और पेटीएम यूज़र्स के लिए खुशखबरी है क्योंकि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यूपीआई ट्रांजैक्शन में बड़ा बदलाव किया है, जिससे कन्फर्मेशन अब 10 सेकंड में मिलेगा।

Mon, 16 Jun 2025 15:28:49 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

नई दिल्ली: डिजिटल लेन-देन की दुनिया में आज से एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। अगर आप फोनपे, गूगल पे या पेटीएम जैसे यूपीआई-आधारित ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत में करोड़ों लोग हर दिन यूपीआई के ज़रिए पैसों का लेन-देन करते हैं और अब इस व्यवस्था को और भी तेज़ और सटीक बनाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक बड़ा तकनीकी अपडेट लागू कर दिया है।

NPCI द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, आज से यूपीआई ट्रांजैक्शन से जुड़ी कुछ अहम प्रक्रियाओं का रिस्पॉन्स टाइम यानी प्रतिक्रिया समय कम कर दिया गया है, जिससे ट्रांजैक्शन अब और तेज़ तथा विश्वसनीय बनेंगे। विशेष रूप से API यानी एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के ज़रिए जो लेनदेन स्टेटस की जांच और रिवर्सल (धनवापसी) की प्रक्रिया होती है, उसका समय अब 30 सेकंड से घटाकर सिर्फ 10 सेकंड कर दिया गया है।

इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अगर किसी कारणवश आपका लेनदेन फेल हो जाता है या अधर में लटक जाता है, तो उसकी स्थिति स्पष्ट होने में पहले जहां 30 सेकंड तक का समय लगता था, वहीं अब सिर्फ 10 सेकंड में ट्रांजैक्शन का स्टेटस कंफर्म हो जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को लंबे इंतज़ार और असमंजस से छुटकारा मिलेगा।

इतना ही नहीं, वैलिडेट एड्रेस API जो 'पे' या 'कलेक्ट' जैसे ट्रांजैक्शन में उपयोगकर्ता के वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) की पुष्टि करता है। उसकी प्रतिक्रिया समय सीमा भी घटा दी गई है। पहले यह प्रक्रिया 15 सेकंड में पूरी होती थी, लेकिन अब इसे भी घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है। इससे यूपीआई हैंडल की वैधता जल्दी जांची जा सकेगी और गलत ट्रांजैक्शन की संभावना और भी कम हो जाएगी।

NPCI का यह कदम न सिर्फ डिजिटल भुगतान को अधिक भरोसेमंद बनाएगा, बल्कि भारतीय फिनटेक सिस्टम की दक्षता को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़बूत करेगा। गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा यूपीआई मार्केट बन चुका है, जहां रोज़ाना लाखों करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन किया जाता है। ऐसे में हर एक सेकंड की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव बैंकों, मर्चेंट्स और यूज़र्स सभी के लिए लाभकारी है। जहां उपभोक्ता को तेज़ सेवा का अनुभव मिलेगा, वहीं सेवा प्रदाताओं के लिए भी लेन-देन का लोड और संचालन सरल होगा। हालांकि शुरुआत में यह बदलाव कुछ चुनिंदा बैंकों और बड़े पेमेंट गेटवे पर लागू होगा, लेकिन चरणबद्ध तरीके से इसे सभी पर अनिवार्य किया जाएगा।

उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे आज से किसी भी यूपीआई ट्रांजैक्शन के दौरान ध्यान रखें कि प्रक्रिया बेहद तेज़ हो गई है, और किसी भी प्रकार की समस्या आने पर जल्दी समाधान भी मिलेगा।

डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक और अहम क़दम है जो साबित करता है कि भारत न केवल तकनीक को अपनाने में अग्रणी है, बल्कि उसे निरंतर बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत भी है।

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