Mon, 23 Jun 2025 15:50:37 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: राजनीतिक गहमागहमी के बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने एक महत्वपूर्ण ऐलान किया। पार्टी मुख्यालय में आयोजित महिला सभा की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनती है, तो 'स्त्री सम्मान समृद्धि योजना' लागू की जाएगी। इस योजना के तहत प्रदेश की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने ₹3,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अखिलेश यादव ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि महिलाओं के सम्मान, स्वाभिमान और सुरक्षा की दिशा में ठोस पहल होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी महिला उम्मीदवारों को पहले से कहीं अधिक टिकट देगी और महिला पुलिस की भर्ती प्रक्रिया में ढांचागत सुधार किए जाएंगे, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़े और महिलाएं अधिक सुरक्षित महसूस करें। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश की महिलाएं आज खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। अखिलेश ने दावा किया कि बहन-बेटियों ने भाजपा सरकार से पूरी तरह दूरी बना ली है और यह सत्ता की ओर जनता के रुख का संकेत है।
प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनावों के दौरान भाजपा समर्थित लोग वर्दी में और वर्दी के बिना मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर जाने से रोक रहे थे, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
सपा प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक, विभाजनकारी और जनविरोधी राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी। इसी सिलसिले में समाजवादी पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त तीन विधायकों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। इन विधायकों में गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय शामिल हैं।
सपा ने इन तीनों नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के अनुसार, इन विधायकों ने न सिर्फ सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति को हवा दी, बल्कि किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी और व्यापार विरोधी नीतियों का समर्थन भी किया। पार्टी ने कहा कि यह निर्णय संगठन की आंतरिक अनुशासन और विचारधारा को सशक्त बनाए रखने के लिए लिया गया है।
पार्टी के इस निर्णय के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। एक ओर जहां महिलाओं के लिए ₹3,000 प्रतिमाह की घोषणा सपा के चुनावी रणनीति की रीढ़ बन सकती है, वहीं दूसरी ओर तीन विधायकों की निष्कासन कार्रवाई यह संदेश देने की कोशिश है कि पार्टी अनुशासन और विचारधारा से कोई समझौता नहीं करेगी।
इस पूरी रणनीति से यह साफ जाहिर है कि समाजवादी पार्टी महिला मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए आक्रामक अभियान की शुरुआत कर चुकी है, साथ ही पार्टी में अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संदेश भी दे रही है। आगामी विधानसभा चुनावों में यह सब कितना असरदार साबित होगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन अखिलेश यादव के इन ऐलानों ने सियासी गर्मी को एक नई दिशा दे दी है।