Wed, 12 Nov 2025 11:09:56 - By : Garima Mishra
वाराणसी और सोनभद्र के बीच फैले एक मामले ने एक बार फिर दहेज प्रथा की कड़वी सच्चाई को उजागर कर दिया है। सोनभद्र के मुझई गांव निवासी एक विवाहिता ने अपने पति और ससुराल पक्ष के छह सदस्यों पर शादी के बाद से लगातार अतिरिक्त दहेज की मांग करने, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देने तथा उसका स्त्रीधन हड़पने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि ससुराल वालों ने विवाह के तुरंत बाद ही उस पर पंद्रह लाख रुपये की अतिरिक्त दहेज मांग का दबाव बनाया और मना करने पर उसे घर में नौकरानी की तरह रखा गया।
मामले के अनुसार, पीड़िता की शादी 15 जून 2020 को वाराणसी के लठिया निवासी अखिलेश पाल के साथ हुई थी। शादी के समय पीड़िता के पिता ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार लगभग सात लाख रुपये मूल्य के उपहार, नकद राशि और घरेलू सामान दिया था। पीड़िता का आरोप है कि ससुराल पहुंचने के अगले ही दिन से ही सास, ससुर, जेठ, जेठानी, देवर और विवाह में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले एक व्यक्ति ने कम दहेज का ताना देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि विवाह में पंद्रह लाख रुपये खर्च होने की बात तय थी, लेकिन उसके पिता ने कम खर्च कर धोखा दिया।
पीड़िता का कहना है कि दो माह बाद जब वह मायके से ससुराल लौटी तो उसके पति ने व्यापार के लिए पांच लाख रुपये नकद दहेज की मांग की। जब उसने मना किया तो उसके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया गया, यहां तक कि तलाक देने की धमकी भी दी गई। इसके साथ ही ससुराल पक्ष ने उसके सोने की चेन, झुमके, मंगलसूत्र, चांदी के बर्तन और अन्य कीमती वस्तुएं, जिनकी कीमत लगभग दस लाख रुपये बताई जा रही है, यह कहकर जब्त कर लीं कि यह सब अब उसी घर का हिस्सा है और उस पर उनका अधिकार है।
लगातार हो रही प्रताड़ना से परेशान होकर पीड़िता ने 11 अगस्त 2022 को ससुराल छोड़ दिया और मायके लौट आई। उसने बताया कि उसके बाद भी ससुराल पक्ष ने कई बार दबाव बनाकर सुलह का नाटक किया, लेकिन जब उसने अतिरिक्त दहेज देने से साफ इंकार कर दिया तो उस पर विवाह विच्छेद के लिए दबाव बनाया गया। बाद में पति और ससुराल पक्ष ने आपसी सहमति से तलाक के लिए प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, वाराणसी में याचिका संख्या 1391/2024 दाखिल कर दी।
पीड़िता ने अब न्याय की गुहार लगाई है और संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उसने कहा कि वह अपने स्त्रीधन और सम्मान की वापसी चाहती है। मामले की जांच पुलिस और महिला प्रकोष्ठ द्वारा की जा रही है। इस घटना ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आधुनिक समाज में दहेज प्रथा किस तरह अब भी महिलाओं की जिंदगी को प्रभावित कर रही है और उनके अधिकारों का हनन कर रही है।