Tue, 14 Oct 2025 13:26:34 - By : Garima Mishra
वाराणसी: काशी के गंगा घाटों पर छठ पर्व से पहले सफाई को लेकर प्रशासन और स्थानीय लोग चिंता में हैं। इस समय शहर के लगभग सभी 84 घाटों पर मिट्टी और गाद जमा होने से स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है। डाला छठ के समय व्रतियों के लिए घाटों की सफाई का खास महत्व होता है, लेकिन इस बार घाटों पर इतनी गंदगी और मलबा फैला हुआ है कि पूजा करना तो दूर, सामान्य रूप से टहलना भी मुश्किल है।
राजघाट से लेकर विश्वसुंदरी पुल तक के घाटों पर गाद और कीचड़ जमा है। गंगा का जलस्तर इस बार पिछले सालों की तुलना में ऊंचा है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार 13 अक्टूबर 2025 को गंगा का जलस्तर 2024 की तुलना में 53 सेंटीमीटर और 2023 की तुलना में 2.67 मीटर अधिक था। इस वजह से नगर निगम की सफाई टीम के लिए घाटों को तैयार करना और अधिक कठिन हो गया है।
भोजपुरी समाज के अध्यक्ष सोमनाथ ओझा ने बताया कि इस बार गंगा में पानी अधिक होने और मलबे की वजह से घाटों पर पूजा और अर्घ्य देना मुश्किल होगा। इसके बावजूद प्रशासन और स्थानीय समाज मिलकर छठ पूजा मार्ग की सफाई करेंगे। कुछ घाटों पर जहां दलदली मिट्टी और कीचड़ अधिक है, वहां पूजा नहीं की जाएगी। व्रती गंगा में तीन सीढ़ियों तक ही अर्घ्य देंगे।
नगर निगम के अधिकारी बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार घाटों की सफाई सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। हालांकि जलस्तर बढ़ा होने और बाढ़ के बाद गाद जम जाने से स्थिति सामान्य घाटों की तुलना में जटिल है। कुंडों में भी कुछ लोग पूजा करते हैं, इसलिए वहां भी सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
इस तरह, डाला छठ के लिए घाटों की तैयारी में प्रशासन और स्थानीय समाज दोनों की सक्रिय भूमिका आवश्यक हो गई है। व्रती अपने पूजा स्थल चुनने में सावधानी बरतेंगे और जहां पर मिट्टी और गाद अधिक होगी, वहां पूजा से परहेज किया जाएगा।