Sun, 27 Jul 2025 22:05:52 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग और निवेश के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर साइबर अपराधियों को वाराणसी पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश के सीहोर जनपद के भाटीखेड़ा निवासी रविंद्र सिंह उर्फ रवि ठाकुर और देवास के ताल्दी निवासी नितेश सिंह उर्फ नितेश सैंधव के रूप में हुई है। दोनों आरोपी फॉरेक्स इन्वेस्टमेंट और एफ एक्ट ग्रो जैसे नामों से फर्जी वेबसाइट तैयार कर देशभर में निवेशकों को झांसे में लेते थे और लाखों की रकम ठग लेते थे।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फोन, नकदी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए हैं। डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया कि एडीसीपी क्राइम नीतू और एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना के नेतृत्व में गठित टीम ने मध्य प्रदेश के कई जिलों में दबिश देकर यह गिरफ्तारी की। जब टीम ने दबिश दी, उस वक्त दोनों आरोपी लाइव कॉल के जरिए नए निवेशकों को फर्जी लाभ दिखाकर फंसाने की कोशिश कर रहे थे।
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर कई फर्जी वेबसाइटें तैयार की थीं, जिनमें यूजर आईडी और डीमैट अकाउंट दिखाकर लोगों को भरोसे में लिया जाता था। ठग पहले निवेशकों से छोटे-छोटे अमाउंट निवेश करवाते और कुछ लाभ दिखाकर पैसे वापस ट्रांसफर कर देते। इससे निवेशक विश्वास में आ जाते और फिर बड़ी रकम निवेश करते। इसके बाद वेबसाइट पर डिजिटल करेंसी और प्वाइंट के रूप में लाभ दिखाया जाता, लेकिन जब निवेशक निकासी की मांग करता, तो ट्रेडिंग में घाटा, डीमैट बैलेंस बचाने या जीएसटी के बहाने और पैसा डलवाया जाता। अंततः ठग उनसे संपर्क तोड़ देते और अगली शिकार की तलाश में लग जाते।
इस पूरे मामले में वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र के टकटकपुर अजय विहार कॉलोनी निवासी शैलेश अस्थाना ने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि फॉरेक्स ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की वेबसाइट के जरिए उन्हें ट्रेडिंग में लाभ का झांसा देकर 7,11,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई। फर्जी वेबसाइट पर डीमैट खाता खुलवाया गया और फिर घाटा दिखाकर और रकम जमा कराई गई।
गिरफ्तारी अभियान में साइबर थाना निरीक्षक राकेश कुमार गौतम, उपनिरीक्षक संजीव कुमार कनौजिया, आलोक रंजन सिंह, एएसआई श्याम लाल गुप्ता, गोपाल चौहान, गणेश, पृथ्वी राज सिंह, मनीष कुमार सिंह, सूर्यभान सिंह, अवनीश सिंह, जतिन कुमार, रविंद्र यादव, अनोज कुमार, पुनीता यादव और विजय कुमार शामिल रहे।
डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने आम नागरिकों को सतर्क करते हुए कहा कि ऑनलाइन ट्रेडिंग करते समय निवेशक को स्वयं पूरी जानकारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रेडिंग हमेशा अधिकृत प्लेटफॉर्म्स जैसे NSE/BSE पर ही की जानी चाहिए और कभी भी किसी अनजान वेबसाइट या मोबाइल एप के माध्यम से निवेश न करें। उन्होंने सलाह दी कि अपने डिवाइस में एंटी-वायरस, एंटी-मालवेयर प्रोटेक्शन अनिवार्य रूप से रखें और अनसेक्योर्ड वाई-फाई या साइबर कैफे से लॉगिन करने से बचें।
उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग अवश्य करना चाहिए और नियमित रूप से अपने ऑर्डर बुक, ट्रेड बुक और डीमैट अकाउंट की निगरानी करते रहना चाहिए। इससे किसी भी अनियमितता की पहचान समय पर हो सकेगी और साइबर ठगी से बचा जा सकेगा।
यह मामला न केवल साइबर अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी रेखांकित करता है कि कैसे तकनीक के माध्यम से ठग लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं। ऐसे में नागरिकों को डिजिटल सतर्कता और जागरूकता बनाए रखना पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।