वाराणसी: स्मार्ट मीटर घोटाले का आरोप, उपभोक्ताओं को नए मीटर लगवाने के नाम पर किया जा रहा गुमराह

राजातालाब में उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर घोटाले का आरोप लगाया, अचानक बिजली बिल दोगुने से अधिक बढ़े।

Wed, 12 Nov 2025 20:08:53 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: राजातालाब क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं के साथ हो रही अनियमितताओं का मामला सामने आया है। स्थानीय उपभोक्ताओं का आरोप है कि विद्युत विभाग और संबंधित कंपनी GMR द्वारा पुराने स्मार्ट मीटर हटाकर नए मीटर लगाने के नाम पर उपभोक्ताओं को भ्रमित किया जा रहा है। कई उपभोक्ताओं के बिल अचानक दोगुने से अधिक बढ़ गए हैं, जिससे आम नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है।

राजातालाब पावर हाउस अंतर्गत रहने वाली उपभोक्ता अनीता देवी ने बताया कि पहले उनके स्मार्ट मीटर से हर महीने लगभग 800 से 1000 रुपये तक का बिल आता था। लेकिन विभाग द्वारा बिना किसी स्पष्ट कारण के पुराना मीटर निकालकर नया स्मार्ट मीटर लगा दिया गया। नए मीटर लगने के बाद उनका तीन महीने का बिल अचानक ₹24,178 तक पहुंच गया। अनीता देवी के पास पुराने मीटर को हटाने का वीडियो और फोटो सबूत के तौर पर मौजूद हैं।

उपभोक्ता का कहना है कि मीटर बदलते समय किसी प्रकार की तकनीकी जांच नहीं की गई और न ही पुराने मीटर की रीडिंग का सही हिसाब लगाया गया। जब उन्होंने शिकायत दर्ज कराई तो विभाग ने तीन दिन में समस्या के समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसडीओ से पूछने पर यह जवाब मिला कि पुराने मीटर की रीडिंग नए मीटर में जोड़ दी गई है और यह त्रुटि स्थानीय स्तर पर सुधारी नहीं जा सकती।

अनीता देवी ने बताया कि GMR कंपनी और विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने यह कहकर दबाव बनाया कि नए मीटर नहीं लगवाने पर जेई और एसडीओ कार्रवाई करेंगे। वहीं, यह भी सामने आया है कि कई विभागीय कर्मचारियों के घरों पर ये नए मीटर नहीं लगाए गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं में और भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा मामला जांच का विषय है। आखिर क्यों पुराने मीटरों को हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं और क्यों उपभोक्ताओं को बिना किसी तकनीकी पारदर्शिता के बढ़े हुए बिल थमाए जा रहे हैं।

राजातालाब पावर हाउस क्षेत्र के कचनार गांव में इस तरह की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। उपभोक्ता अपनी समस्याओं को लेकर विद्युत विभाग को आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी का भी समाधान नहीं हो पाया है। अनीता देवी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में शिकायत का प्रार्थना पत्र भी दिया था, परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

अब उपभोक्ता सोशल मीडिया और ट्विटर के माध्यम से उच्चाधिकारियों को अवगत करा रहे हैं ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उपभोक्ताओं का कहना है कि यह केवल मीटर का नहीं, बल्कि आर्थिक शोषण का मामला है, जिससे आम जनता का बजट और विश्वास दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों की मांग है कि राजातालाब पावर हाउस और GMR कंपनी के इस पूरे मीटर परिवर्तन प्रकरण की स्वतंत्र जांच कराई जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि नए स्मार्ट मीटर वास्तव में उपभोक्ताओं के हित में लगाए जा रहे हैं या फिर यह एक योजनाबद्ध लापरवाही है जो जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है।

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