Wed, 10 Dec 2025 19:59:54 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: काशी में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। लोहता थाना क्षेत्र के बनकट गांव के रहने वाले 30 वर्षीय राहुल मिश्रा ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने अपने मोबाइल में दो वीडियो रिकॉर्ड किए, एक 8 सेकंड का और दूसरा 7 मिनट 29 सेकंड का। इन वीडियोज़ में राहुल ने अपने टूटे रिश्ते, पत्नी की बेरुखी, बेवफाई के शक, बच्चे से न मिलने की पीड़ा और आर्थिक संकट जैसे कई आरोपों का जिक्र किया। यह वीडियो अब पूरे गांव में चर्चा का विषय बने हुए हैं, जिनमें राहुल की आवाज़ निराशा, दर्द और टूटते मनोबल की कहानी कहती है।
राहुल ने वीडियो में कहा कि वह अपनी पत्नी संध्या सिंह से बेहद प्यार करता था और रिश्ता बचाने की हर कोशिश कर रहा था, पर पत्नी के व्यवहार और उसके शुभम सिंह उर्फ ‘डेंजर’ नाम के युवक से बात करने ने उसे अंदर से तोड़ दिया। उसने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी ने उससे दूरी बना ली, उसे अपने बेटे से दूर कर दिया, और लगातार दूसरे युवक से बातचीत करती थी।
उसने वीडियो में कहा “मैं आज सुसाइड कर रहा हूं... मुझे पसंद नहीं कि मेरी वाइफ किसी और से बात करे। शुभम सिंह डेंजर उसे बरगला रहा है। वह उसे ओयो ले जाएगा… मैं यह सह नहीं सकता।”
राहुल का कहना था कि वह अपने बेटे रेयांश से मिलने की कोशिश करता रहा, लेकिन उसकी पत्नी और सास उसे मिलने भी नहीं देतीं। भावुक होकर उसने कहा “मेरा छोटा सा बेटा है… मैं उसके बिना रह नहीं पाता। आज मैं उससे मिलने गया था। सोचा था उसको हजार-दो हजार दे दूंगा… बच्चे को कुछ मिल जाएगा, लेकिन उन्होंने मिलने नहीं दिया।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब चार साल पहले राहुल और संध्या ने प्रेम विवाह किया था। सारनाथ के शिव मंदिर में दोनों ने शादी की थी। कुछ साल तक सबकुछ ठीक रहा और दोनों को एक बेटा भी हुआ। लेकिन धीरे-धीरे रिश्ते में दरार बढ़ती गई। राहुल के परिवार के अनुसार संध्या की बातचीत अपने रिश्तेदार शुभम सिंह से बढ़ी, जिस पर राहुल ने आपत्ति जताई। इसके बाद लगातार तनाव और झगड़े होते गए।
करीब 8 महीने पहले संध्या अपने डेढ़ साल के बच्चे को लेकर मायके चली गई और तब से राहुल को अपने बच्चे से मिलने भी नहीं दिया गया। इसी दौरान संध्या ने राहुल के खिलाफ दहेज उत्पीड़न सहित कई मुकदमे दर्ज कराए, जिनमें एक मामले में राहुल तीन महीने जेल तक गया।
8 दिसंबर को राहुल आखिरी बार संध्या के मायके गया था। उसने पूरे परिवार को मनाने की कोशिश की। लेकिन राहुल के अनुसार, वहाँ उसकी बेइज्जती की गई, बच्चे से मिलने नहीं दिया गया और उसे वापस लौटा दिया गया। इसके बाद वह गहरे तनाव में आ गया और उसी रात उसने अपना वीडियो रिकॉर्ड किया।
वीडियो में वह कहता है, कि “मेरी मम्मी-पापा उसे पसंद नहीं करते थे, लेकिन मैं उसे हमेशा रखना चाहता था। उसने चार बार मेरे खिलाफ रिपोर्ट कराई, जेल भिजवाया… फिर भी मैं साथ निभाना चाहता था। बस चाहता था कि वह मेरा ख्याल रखे, पैर-हाथ दबाए… मगर उसने हर रोज मुझे तनाव दिया।”
पुलिस जब मौके पर पहुंची और राहुल के कपड़ों की तलाशी ली गई, तो उसके मोबाइल में यह वीडियो मिला। वीडियो देखने के बाद मामले की संवेदनशीलता बढ़ गई। राहुल की मां रानी देवी ने बेटे की मौत के लिए उसकी पत्नी संध्या, सास मांडवी सिंह और शुभम सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए थाने में तहरीर दी।
थाना प्रभारी राजबहादुर मौर्य ने बताया कि “पीड़िता की मां की तहरीर पर तीनों आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पत्नी और सास को गिरफ्तार किया जा चुका है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सभी अहम साक्ष्य जुटा लिए हैं।” शुभम सिंह की तलाश जारी है।
राहुल के परिवार ने बताया कि वह कई तरह के कर्ज से जूझ रहा था।गाड़ी की किस्तें, दूधवाले और किराना स्टोर का बकाया। उस पर मुकदमों का बोझ, जेल जाने की त्रासदी और पत्नी के आरोपों ने उसे मानसिक रूप से कमजोर कर दिया था। बीते दिनों शुभम और उसके साथियों द्वारा बाजार में उसकी पिटाई ने भी उसके मन को और झकझोर दिया।
राहुल ने अपने अंतिम वीडियो में कई बार कहा, कि “मैं जीना चाहता था… पर मेरे पास अब कुछ नहीं बचा।” उसके शब्द न केवल एक परिवार की त्रासदी बयां करते हैं, बल्कि समाज, रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई बड़े सवाल भी छोड़ जाते हैं।
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि घरेलू कलह, अविश्वास, तनाव और कानूनी लड़ाइयां जब हद से बढ़ जाती हैं, तो एक जिंदगी को खत्म कर सकती हैं।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। राहुल की मौत का सच किन परिस्थितियों और दबावों से जुड़ा था, यह जांच के बाद स्पष्ट होगा, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने पूरे बनकट गांव और वाराणसी को गहरे सदमे में डाल दिया है।