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वाराणसी: साइबर ठगों ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 1.10 करोड़,पुलिस ने किया गिरफ्तार

वाराणसी: साइबर ठगों ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 1.10 करोड़,पुलिस ने किया गिरफ्तार

वाराणसी में साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर 1.10 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसमें मास्टरमाइंड समेत तीन साइबर ठग गिरफ्तार, आरोपियों से नकदी, मोबाइल, सिम कार्ड बरामद।

वाराणसी: साइबर अपराध के एक बेहद संगठित और चौंकाने वाले मामले का पर्दाफाश करते हुए वाराणसी साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक गिरोह के मास्टरमाइंड सहित तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन अपराधियों ने खुद को कभी मुंबई पुलिस तो कभी सीबीआई अधिकारी बताकर वाराणसी के लठिया, यश विहार कॉलोनी निवासी बुजुर्ग महेश प्रसाद को मानसिक दबाव में लेकर छह दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और इस दौरान उनसे कुल 1.10 करोड़ रुपये की ठगी कर ली।

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों की पहचान गोरखपुर के बक्सीपुर साहूटोला निवासी सुमित गुप्ता, लखीमपुर खीरी के मिदानिया निवासी उत्कर्ष वर्मा और गौतमबुद्ध नगर स्थित सृष्टि अपार्टमेंट निवासी अरविंद कुमार वर्मा के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से 70 हजार रुपये नकद, 8 मोबाइल फोन, 13 सिम कार्ड, 7 डेबिट कार्ड, एक चेक और चार बैंक पासबुक बरामद की हैं। तीनों आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने रविवार को पुलिस लाइन सभागार में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस गिरोह का संचालन सुनियोजित तरीके से किया जा रहा था। पूछताछ में यह सामने आया है कि यह नेटवर्क लोगों को लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाता था। खातों के खुलने के बाद संबंधित व्यक्ति को क्रेडिट में आने वाली रकम का एक छोटा हिस्सा देकर बैंक खाते की पूरी किट अपने पास रख ली जाती थी। इसके बाद इन खातों का इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी गई रकम को मंगाने और फिर उसे अन्य खातों में ट्रांसफर कर नकद निकालने में किया जाता था।

गिरफ्तार आरोपी विदेशी साइबर अपराधियों के संपर्क में थे, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठगी की रकम का प्रबंधन करते थे। ठगी के पैसे को विभिन्न खातों के माध्यम से घुमाकर निकालने के बाद उसका एक हिस्सा डॉलर में कमीशन के रूप में विदेशी साथियों को भेज दिया जाता था। यह गिरोह कई बड़े शहरों में पहले भी सक्रिय रह चुका है और इसके कुछ सदस्य पहले भी नोएडा, लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर गिरफ्तारी का सामना कर चुके हैं।

एडीसीपी साइबर क्राइम नीतू और एसीपी क्राइम विकास कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में और भी जानकारी एकत्र की जा रही है और संभावना है कि गिरोह के तार अन्य राज्यों और विदेशी नेटवर्क से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर रही है और जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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Category: crime uttar pradesh

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