News Report
Search Icon
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी: रामनगर/डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर आयोजित की गई, संगोष्ठी

वाराणसी: रामनगर/डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर आयोजित की गई, संगोष्ठी

वाराणसी के रामनगर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए उनके योगदान को याद किया गया, और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया गया

वाराणसी: रामनगर/राष्ट्रभाषा संस्थान के प्रांगण में शनिवार को एक ऐतिहासिक और प्रेरणास्पद क्षण गूंज उठा, जब भारत माता के महान सपूत, राष्ट्रवादी विचारक, निर्भीक नेता और जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर एक प्रभावशाली संगोष्ठी का आयोजन हुआ। यह आयोजन न केवल श्रद्धांजलि था, बल्कि एक वैचारिक ऊर्जा का संचार भी था, जिसमें रामनगर मंडल के जनप्रतिनिधियों, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व मेयर श्रीमती मृदुला जायसवाल जी ने अपने उद्बोधन में डॉ. मुखर्जी को एक ऐसी विभूति बताया, जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कहा, "एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे" यह उद्घोष कोई नारा मात्र नहीं, बल्कि एक ऐसी चेतना थी, जिसने कश्मीर को भारत की माटी में पूर्णरूपेण मिलाने का संकल्प रचा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं मंडल अध्यक्षा प्रीति सिंह ने कहा कि आज के युवाओं को डॉ. मुखर्जी के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्रनिर्माण में जुटना चाहिए। उन्होंने कहा कि "विचारशीलता, दृढ़ता और आत्मबल के प्रतीक थे श्यामा बाबू।" उनका त्याग और समर्पण आज भी भाजपा की विचारधारा की नींव है।

महानगर मंत्री डॉ. अनुपम गुप्ता ने अपने ओजस्वी विचार रखते हुए कहा कि डॉ. मुखर्जी का योगदान केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि वैचारिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त करने वाला रहा। उन्होंने कहा, "जिन्होंने नेहरू की नीतियों का विरोध करते हुए कश्मीर में तिरंगा लहराने के लिए जान की बाज़ी लगाई, वह व्यक्तित्व आज के भारत को मार्गदर्शन देने वाला ध्रुवतारा है।"

वरिष्ठ भाजपा नेत्री और पूर्व चेयरमैन आशा गुप्ता जी ने बताया कि मुखर्जी जी का जीवन भारत की मिट्टी के प्रति अगाध प्रेम का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि "हमें गर्व है कि हम उस विचारधारा से जुड़े हैं, जो देशहित को सर्वोपरि मानती है।"

भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक जायसवाल ने सभा में उपस्थित युवाओं से आह्वान किया कि वे डॉ. मुखर्जी के विचारों को आत्मसात करें और राष्ट्र निर्माण की इस यात्रा में योगदान दें। उन्होंने कहा, "अगर आज भारत एकात्मता के पथ पर है, तो उसका श्रेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे नायकों को है।"

सभा में विशिष्ट उपस्थिति दर्ज कराने वाले जनप्रतिनिधियों, पार्षदों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में लल्लन सोनकर, मोनिका यादव, राजकुमार सिंह, विनोद सिंह, राघवेंद्र मिश्रा, कंचन निषाद, मनोज यादव, जय सिंह चौहान, सुनीता गुप्ता, इंदु सिंह, अभय पांडे, गोपाल जालान, दीपक चौहान, बृजेश बारी, गोविंद यादव, राहुल खरवार, धीरेन्द्र सिंह, छेड़ी सेठ, दुर्गा शहानी, शिल्पी सिंह, पूजा यादव, जवाहिर यादव, हर्ष सिंह (गोलू), और अन्य कई सम्मानित कार्यकर्ता के साथ स्थानीय नागरिक भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र पांडे ‘झुंझुनू’ जी ने अत्यंत प्रभावी शैली में किया। उनकी शब्दों की गर्माहट, भावनाओं की तीव्रता और वक्तव्य की गंभीरता ने सभा को एक विशेष ऊंचाई दी। संचालन के दौरान उन्होंने डॉ. मुखर्जी के जीवन के कई अज्ञात और प्रेरणादायक प्रसंगों को प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

सभा का समापन पूर्व पार्षद रितेश पाल जी द्वारा किया गया, जिन्होंने उपस्थित सभी गणमान्यजनों, कार्यकर्ताओं और अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि "यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक प्रतिज्ञा है, कि हम सब मिलकर उस भारत की कल्पना को साकार करेंगे, जिसका सपना डॉ. मुखर्जी ने देखा था।"

इस भव्य आयोजन के संयोजक श्री भैया लाल सोनकर रहे, जिनके अथक परिश्रम और समर्पण से यह कार्यक्रम अपने चरम वैभव को प्राप्त कर सका।

यह सभा केवल एक कार्यक्रम नहीं थी, यह एक वैचारिक दीपोत्सव था। राष्ट्रभक्ति के दीप जलते रहे, विचारों की ज्वाला धधकती रही, और रामनगर का प्रांगण एक बार फिर उस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जहाँ विचार, संकल्प और समर्पण, तीनों ने मिलकर भारत माता को नमन किया।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL

LATEST NEWS