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लखनऊ: योगी कैबिनेट ने 30 प्रस्तावों को दी मंज़ूरी, विकास और बुनियादी ढांचे पर रहेगा ज़ोर

लखनऊ: योगी कैबिनेट ने 30 प्रस्तावों को दी मंज़ूरी, विकास और बुनियादी ढांचे पर रहेगा ज़ोर

लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में विकास, रोजगार, बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक सुधार से जुड़े 30 प्रस्तावों को मंजूरी मिली, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित लोकभवन में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें विकास, रोजगार, बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक सुधार से जुड़े कुल 30 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में लिए गए कई अहम फैसलों का प्रदेश के प्रशासनिक संचालन और विकास की दिशा में दूरगामी प्रभाव पड़ने की संभावना है।

बैठक के प्रमुख निर्णयों में जेपीएनआईसी (जनप्रिय नागरिक सूचना केंद्र) के संचालन की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपने का प्रस्ताव शामिल है। इससे शहर में प्रशासनिक दक्षता और नागरिक सेवाओं के वितरण में और अधिक पारदर्शिता व सुविधा आने की उम्मीद है।

बैठक के उपरांत प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने प्रेस वार्ता कर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई है। इस प्रस्ताव के माध्यम से प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच यातायात को सुगम बनाने के साथ औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।

बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए सरकार ने ‘बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी एरिया रेगुलेशन 2025’ को स्वीकृति दी है, जो इस पिछड़े क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 'औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022' के अंतर्गत उच्च स्तरीय अधिकृत समिति की 20 और 27 मार्च 2025 को आयोजित बैठकों में की गई संस्तुतियों को भी कैबिनेट से स्वीकृति प्राप्त हुई।

सरकार ने प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन को भी स्वीकृति दी, जिससे राज्य में बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

वहीं, राज्य भर के शहरी नियोजन और भवन निर्माण के लिए 'उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां' तथा 'आदर्श जोनिंग रेगुलेशंस 2025' को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इन नए नियमों से शहरी विकास कार्यों में स्पष्टता और समन्वय आएगा।

प्रदेश की वित्तीय प्रणाली को डिजिटल और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार की समेकित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (IFMS) के उन्नयन को भी मंजूरी दी गई है। इसके लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वैज्ञानिक संस्था सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (CDAC) को नामांकन के आधार पर अनुबंधित किया जाएगा।

इसके अलावा, गाजियाबाद के मोदीनगर में निजी क्षेत्र के अंतर्गत डॉ. के. एन. मोदी विश्वविद्यालय की स्थापना को अनुमति दी गई है, जो उच्च शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगा।

प्रशासनिक सुधार की दिशा में उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली 1975, ग्राम विकास अधिकारी सेवा नियमावली 2025 तथा पशुपालन विभाग की वेटनरी फार्मासिस्ट सेवा नियमावली 2025 में संशोधन व स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए इन निर्णयों को राज्य में सुशासन, पारदर्शिता और विकास की नीति के तहत महत्वपूर्ण और रणनीतिक बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन फैसलों से न केवल प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।

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